सिकोईडिकोने द्वारा मालपुरा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टोंक, बाल अधिकारिता विभाग एवं बाल संरक्षण इकाई टोंक के दिशा निर्देशानुसार 1 दिसम्बर विश्व एड्स दिवस पर स्कूलो, आंगनबाडियों एवं ग्राम स्तरीय संगठनों के माध्यम से एच.आई.वी. संकमण के प्रति समाज के सभी उम्र के लोगों को जागरुक किया गया। इस वर्ष एड्स जागरुकता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने समुदाय को नेतृत्व करने दे थीम निर्धारित की गई है। समुदाय को वर्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के 2022 के एड्स के डाटा के अनुसार लगभग 35 करोड एचआईवी पोजिटिव है से अवगत कराया तथा बताया कि विषाणु (एच.आई.वी वायरस) शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले मौजूदा टी कोशिकाओं (श्वेत रक्त कोशिका, प्रतिरक्षा प्रणाली) को प्रभावित करता है। जिससे शरीर की बाहरी रोगों से लडऩे की क्षमता कम हो जाती है और लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। एड्स से बचाव ही उपचार है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क, संकमित सिरिंज व सुई के प्रयोग एवं संक्रमित व्यक्ति के ब्लड को चढ़वाने से बचे। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने साथ भोजन करने, एक ही घड़े का पानी पीने, एक ही बिस्तर या कपड़ों का उपयोग करने, एक ही घर कमरे, शौचालय, स्नानघर का उपयोग करने से एड्स नहीं फैलता है। कार्यक्रम को सफल एंव प्रभावी बनाने में स्थानीय अध्यापक, आशा, कार्यकरता, सामुदायिक संगठन, मोबलाइजर शाखा प्रभारी डा0 अनिल भारद्वाज व काउन्सलर रजीउददीन, प्रहलाद जाट ने विशेष सहयोग प्रदान किया।