सकल दिगबर जैन समाज व अग्रवाल समाज मालपुरा के तत्वाधान में परमपूय आचार्य इन्द्रनंदी जी महाराज के परम सान्निध्य में मालपुरा में 19 से 24 मई तक आयोजित होने वाले श्री शांतिनाथ जिनबिब एवं भव्य मानस्तभ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव व विश्वशांति महायज्ञ का शुभारभ रविवार को घटयात्रा व ध्वजारोहण के साथ हुआ।गांधी पार्क स्थित श्री पाश्र्वनाथ दिगबर जैन मन्दिर से महिलाओं ने अपने सिर पर कलश धारण कर घटयात्रा निकाली गई। घटयात्रा शाही लवाजमे के साथ रवाना हुई जिसमें हाथी पर सवार भगवान के माता-पिता बने पदमचन्द-लाड देवी जैन, शाही बग्घी में सवार होकर निकले सौधर्म इन्द्र पदमचन्द-निर्मला देवी गोयल लावा वाले, धनपति कुबेर इन्द्र ओमप्रकाश जैन-आशा देवी जैन, यज्ञनायक राजेन्द्र कुमार-मुन्ना देवी जैन डिग्गी वाले, ईशान ईन्द्र ज्ञानचन्द जैन-अनिता देवी जैन सहित पंचकल्याणक महोत्सव के पात्र बने सभी इन्द्र-इन्द्राणियां, प्रति इन्द्र, अष्ठकुमारियां का जगह-जगह समाज के लोगों द्वारा पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। घटयात्रा समारोह स्थल राजकीय उमा विद्यालय के उत्सव प्रांगण में पहुंची। जहां आचार्य इन्द्रनन्दी महाराज के ससंघ की मौजूदगी में प्रतिष्ठाचार्य सुधीर मार्तण्ड केसरियाजी-उदयपुर व सह प्रतिष्ठाचार्य मनोज शास्त्री-बगरोही, मध्यप्रदेश की देखरेख में मंत्रोच्चारण के साथ ध्वजारोहणकर्ता घासीलाल-मनोरमादेवी, संजय जैन गनवरिया मालपुरा के परिवार की ओर से ध्वजारोहण किया गया। ध्वजारोहण के बाद मण्डप का उद्घाटन अग्रवाल समाज मालपुरा अध्यक्ष रामगोपाल-पुष्पा ठैग्या के परिवार की ओर से मंडप का उदघाटन किया गया। भूमि शुद्धि, द्वीप प्रज्जवलन, इन्द्र एवं मंडप प्रतिष्ठा के साथ पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारभ हुआ। इस अवसर पर धर्मसभा को सबोधित करते हुए आचार्य इन्द्रनन्दी महाराज ने कहा कि पत्थर की मूर्ति में परमात्मा का वास करवाना ही पंचकल्याणक महोत्सव है। जैन धर्म के तीर्थंकरों के पांच कल्याणक होते है। गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान व मोक्ष इन पांच कल्याणकों से एक पाषाण की मूर्ति मे परमात्मा का वास होता है। आचार्य ने कहा कि जिस नगर मे तीर्थंकर बालक का जन्म होता है उस नगर में छह माह पूर्व ही रत्नों की वृष्टि होना शुरु हो जाती है। नगर की देवताओं द्वारा सुन्दर रचना की जाती है। समारोह में समिति के संरक्षक पदम चंद गोयल, प्रेमचंद जैन मैन्दवास्या, राधेश्याम धाबडधींगा, प्यारेलाल जैन धूंधरी वाले, महावीर प्रसाद डिग्गी, ताराचंद जैन लाबा वाले, उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद मोदी, कैलाश चंद जैन, कोषाध्यक्ष पदम चंद जैन ठेगया, बिरदीचंद, पाण्डुक शिला युवा मंच के अध्यक्ष दीपक ठेग्या सहित बडी संया में समाज के लोग मौजूद रहे।