राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से संचालित पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र (वीयूटीआरसी) टोंक द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) टोंक के संयुक्त तत्वावधान मैं “वैज्ञानिक तकनीक द्वारा उन्नत पशुपालन” विषय पर दो दिवसीय पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया| शिविर के प्रथम दिन विषय विशेषज्ञ डॉ. सत्यवीर सिंह डांगी, (वैज्ञानिक) सीएसडब्ल्यूआरआई अविकानगर, टोंक द्वारा पशुओं को स्कोरकार्ड के आधार पर चयन करना चाहिए तथा पशुओं पर वातावरणीय कारक के विपरीत प्रभाव जैसे- तापमान आदि के बारे में जानकारी दी| केंद्र के डॉ. नरेंद्र चौधरी ने पशुपालकों को देशी गोवंश के नस्ल सुधार के तरीकों के बारे में पशुपालकों को बताया| शिविर में डॉ. रंगलाल मीणा ने पशुपालकों को चारागाह प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी| केंद्र के डॉ. राजेश सैनी ने पशुओं के लिए एजोला पोस्टिक चारे की उपयोगिता बताइ| केंद्र के अमित चौधरी (तकनीकी सहायक) ने बताया कि शिविर के प्रथम दिन 30 पशुपालक लाभान्वित हुए|