क्षेत्र में इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में भारी तादात में ग्रैनाईट की खानों का संचालन किया जा रहा है। डूंगरी, राजपुरा, घटियाली, रूपाहेली, हाथगी सहित कई इलाकों से प्रचुर मात्रा में ग्रैनाईट निकालकर गंतव्य स्थानों तक वाहनों के जरिए परिवहन किया जाता है। खानों से क्रैन के जरिए ट्रैलर पर लदे भारी भरकम ग्रैनाईट के स्लैब लेकर रवाना होने वाले इन वाहनों पर पत्थरों की सुरक्षा के कोई इंतजामात नहीं किए जाते है जिससे कभी भी कोई बडा हादसा होना संभव है। पूर्व में भी कई बार कई स्थानों पर इन ट्रैलरों से भारी-भरकम पत्थर गिरने की घटनाए घटित हो चुकी है, गनीमत यह रही कि इनसे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। लेकिन अब जब चारों ओर खानों का संचालन किया जा रहा है तो ऐसे वाहनों की भरमार हो चली है। भारी भरकम ग्रैनाईट स्लैब लेकर आबादी क्षेत्रों से यमदूत बन कर गुजरने वाले वाहनों पर कोई लगाम लगाने वाला नहीं है। खान मालिकों एवं वाहन चालकों की आपसी सांठ-गांठ से इन वाहनों पर क्षमता से अधिक वजनी पत्थर लदान किए जा रहे है। खास बात यह है कि ट्रैलर पर रखे जाने वाले इन भारी भरकम स्लैब की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए जाते जबकि सुरक्षा के लिहाज से किसी भी वाहन पर पत्थरों के लदान के साथ ही सैफ्टी बैल्ट का प्रयोग किया जाना अनिवार्य होता है। पुलिस, प्रशासन एवं परिवहन विभाग के अधिकारी आंखे मूंदकर तमाशा देख रहे है तथा किसी बडे हादसे का इंतजार करते दिखाई देते है। क्षमता से अधिक भार ले जाने के कारण क्षेत्र के गांवो तक पहुंचाने वाली लिंक रोड दुर्दशा की शिकार हो रही है। ओवरलोड वाहनों के कारण सडकों से डामर गायब होकर कंक्रीट निकलने लगी है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं घटित होती रहती है। आश्चर्य की बात है कि जनता की बेहद मांग पर गांवो को जोडने वाली सडकों की दुर्दशा पर सार्वजनिक विभाग भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है, ना ही कोई जनप्रतिनिधि इसके खिलाफ कोई आवाज उठा रहे है। जिससे बैखोफ होकर खान संचालक एवं वाहन चालक दोनों की चांदी हो रही है।