अतिथियों द्वारा संस्थान के विभिन्न नस्लों व अविशान के बहुप्रज पशुओं की प्रदर्शनियों का भ्रमण एवं अवलोकन किया गया
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में भेड–बकरी व खरगोश पालक किसानों के लिए 3 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह का शुभारम्भ किया गया। भारतीय कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान–केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, मालपुरा द्वारा 3 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, केन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर ने बताया की वर्तमान एवं भविष्य के बदलते वातावरण परिदृृृृृृृृृृृृृृृृृृश्य के तहत छोटे जुगाली करने वाले पशुओं जैसे भेड, बकरी व खरगोश आदि के द्वारा अधिकतम उत्पादन के विषय पर देश भर के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, प्रगतिशील किसानों, एन्टरप्रन्योर व संस्थान से जुड़े स्र्टाटअप का विस्तार से वैज्ञानिक दृृृृृृृृृृृृष्टिकोण आधारित संवाद व्याख्यानों एवं पोस्टर प्रदर्शनों द्वारा किया जा रहा है। निदेशक तोमर ने बताया की राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि डॉ़. ए. के. श्रीवास्तव पूर्व चैयरमेन एएसआरबी नई दिल्ली व वाईस चांसलर, मथुरा पशु विश्वविद्यालय, एवं विशिष्ट अतिथियों डॉ़. ए. के. गहलोत, पूर्व वाईस चांसलर, राजूवास बीकानेर, डॉ. वी. सक्सेना एडीजी नई दिल्ली, डॉ. डी. के. शर्मा निदेशक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम मथुरा, डॉ. रणधीर सिंह भट्ट, राष्ट्रीय सेमिनार आयोजन सचिव, डॉ. गोपाल दास, इसगपू सोसाइटी सचिव, विभिन्न भारतीय कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थानों के निदेशक, विभिन्न पशु एवं कृृृृृृृृषि विवािद्यालय के वाईस चांसलर आदि ने भी भाग लिया। निदेशक तोमर ने सभी अतिथियों का शॉल ओढा कर सेमीनार में स्वागत किया। कार्यक्रम में पधारें अतिथियों द्वारा संस्थान के पशुओं के सैक्टर 9 एवं अविशान भेड के सैक्टर 12 पर संस्थान के विभिन्न नस्लों व अविशान के बहुप्रज पशुओं की प्रदर्शनियों का भ्रमण एवं अवलोकन किया गया। सभी अतिथियों ने संस्थान के पशुओं एवं अविशान भेड की उत्पादन क्षमता का विस्तार से निदेशक तोमर ने अवगत करवाया गया। सभी अतिथि संस्थान की किसानों के लिए की जा रही प्रयासों की भरपूर प्रशंसा की। राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह में पहुंचे सभी अतिथि गणों को संबोधित करते हुए निदेशक ने बताया की अविकानगर संस्थान देश भर के किसानों के साथ जुडकर भेड–बकरी व खरगोश पालन पर उन्नत तकनीकियों, भेड–बकरी व खरगोश के उन्नत पशुओं आदि का वितरण वर्ष भर संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं (टीएसपी, एससीएसपी, फार्मर फस्र्ट, मेगा शीप सीड परियोजना व स्थानांनतरण विभाग आदि) के माध्यम से करता आ रहा है। निदेशक ने बताया की संस्थान की अविशान देश भेड पालन के क्षेत्र में 45 प्रतिशत तक भेड के माँस की पैदावार बढा कर माँस उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाएगी। निदेशक ने राष्ट्रीय सेमिनार में पहुंचे सभी वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों व किसानों से संस्थान की उन्नत नस्ल के पशुओं, विभिन्न तकनीकियों आदि का भ्रमण एवं अवलोकन करने के लिए आग्रह किया। तथा निदेशक ने बताया की वर्तमान में बु्रसेलोसिस बीमारी से देश के भेड एवं बकरी पालकों किसानों के लिए काम करने की बहुत जरुरत है। क्योंकि यह बीमारी हमारे पशुधन उत्पादन में बहुत आर्थिक नुकसान कर रही। निदेशक महोदय ने सभी पधारे लोगों से आग्रह किया कि इस आयोजन से देश के पशु पालकों की समस्या एवं उपायों पर काम करने के लिए हम सभी को प्रयास करने होंगें। संस्थान निदेशक ने राष्ट्रीय सेमिनार में भेड एवं बकरी पशुधन को देश के लोगों के लिए एटीएम बताया जिससे किसी भी समय दुध, माँस एवं धन प्राप्त किया जा सकता है। संस्थान निदेशक ने राष्ट्रीय सेमिनार में भेड एवं बकरी पशुधन को क्लाइमेंट स्मार्ट पशु बताया जो कि किसी भी वातावरण में बहुत जल्दी अनुकूलित हो जाते है। निदेशक ने देश के युवा एन्टरप्रन्योर व संस्थान से जुड़े स्र्टाटअप से भेड एवं बकरी पशुधन से आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूर्ण करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए देश के प्रधान मंत्री की सोच गरीब किसानों का आर्थिक विकास करने में पशुधन को महत्वपूर्ण बताया तथा देश भर के सभी वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, प्रगतिशील किसानों, एन्टरप्रन्योर व संस्थान से जुड़े स्र्टाटअप से सेमिनार से ज्यादा से ज्यादा जानकारी एवं फायदा लेने की अपील की तथा अविकानगर संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर के राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह में संस्थान में किए जा रहे प्रयासों की भरपूर प्रशंसा की।
राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह का आयोजन केन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर व सह आयोजक आईएसएसजीपीयू सोसाइटी अविकानगर एवं केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा के द्वारा किया जा रहा है। राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह के आयोजन सचिव डॉ. रणधीर सिंह भट्ट, प्रधान वैज्ञानिक अविकानगर ने बताया की सेमिनार में 15 से ज्यादा राज्यों के 350 से 400 वैज्ञानिको, शिक्षाविदों व प्रगतिशील किसानों भाग ले रहे है। जो की अपने–अपने विषय के क्षेत्र में भेड–बकरी पालन के लिए उन्नत तकनीकियों का वैज्ञानिक संवाद से प्रदर्शन करेंगें। इस सेमिनार में अविकानगर संस्थान की प्रदर्शनी व कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि ओर पशुपालन के विभिन्न आयामों से संबंधित प्रदर्शनिया लगाई जा रही है। इसगपु सोसाइटी सचिव, डॉ. गोपाल दास ने सोसाइटी की वर्षभर कि जाने वाली गतिविधियों विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कांफ्रेस समारोह में डा़ॅ. ए. के. श्रीवास्तव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि को इसगपु सोसाइटी की ओर से लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ में इसगपु सोसाइटी की ओर से इसगपु फैलो अवार्ड से भारतीय कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि अनुसंधान परिषद के डॉ़. बी. एन. त्रिपाठी उपमहानिदेशक पशुविज्ञान नई दिल्ली, डॉ़. सी. पी. स्वर्णकार, डॉ़. गोपाल दास एवं डॉ़. थिरुवेंकदां को भी सम्मानित किया गया। डॉ़ विनोद कदम एवं डॉ़. आसिफ सोफी को मिडिल कैरियर अवार्ड से सम्मानित किया गया तथा इसगपु सोसाइटी की ओर से इसगपु जनरल में प्रकाशित तीन बेस्ट शोध पेपर के लिए डॉ. सी.पी. स्वर्णकार, डॉ. एम. रामचन्द्रन एवं डॉ. ए.के. मिश्रा को भी राष्ट्रीय सेमिनार में सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय सेमिनार में भाग ले रहें वैज्ञानिक गणों को भी बेस्ट शोध पत्र का प्रदर्शन करने के लिये भी सम्मानित किया जायेगा।