इस्लाम धर्म की परम्परानुसार बुधवार को ईद-उल-अजहा पर्व पर हजारों मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने अल्लाह की इबादत में सजदा किया। शहर काजी वकार अहमद ने केकडी रोड स्थित ईदगाह पर समूचे उपखंड क्षेत्र से पहुंचे मुस्लिम धर्मावलम्बियों को ईद-उल-अजहा की सामूहिक नमाज अता करवाई। नमाज से पूर्व शहर काजी ने खुदबा पढकर सुनाया। नमाज के बाद नमाजियों द्वारा ईदगाहस्थल पर गरीब व यतीमों को खैरात बांटी गई। कहा जाता है कि जब मालिक ने अपने पुत्र की कुर्बानी मांगी तो नबी ने अपने पुत्र इब्राहिम अलै सलाम की कुर्बानी देने की तैयारी कर कुर्बानी देना चाहा तो मालिक ने आसमान से दुम्बा बकरा प्रकट कर दिया जिस हथियार से नबी अपने पुत्र की कुर्बानी देना चाह रहे थे, वह छुरी इब्राहिम अलै सलाम की गर्दन पर नही चली। तब नबी ने आसमान से प्रकट हुुए दुम्बा की कुर्बानी दी। तब से इस्लाम धर्म के लोगों द्वारा इस त्यौंहार को ईदउलजुहा के रूप में उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। बच्चों को ईदी दी गई। ईदगाह से शहर काजी वकार अहमद को घोडी पर बैठाकर जुलूस रवाना हुआ जो परम्परागत मार्गो से होते हुए मौहल्ला सादात में पहुंचा। जुलूस में युवाओं ने उत्साह दिखाते हुए जावेद तकबे, अल्लाह हो अकबर व इस्लाम जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए दस्तियां लहराई। ईद-उल-अजहा का पर्व सादगीपूर्ण एवं हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। नमाज के बाद मुस्लिम भाईयो ने आपस में एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। वहीं उपखंड के लावा, प्रतापपुरा, सोडा, इस्लामपुरा, कलमंडा, टोरडी, लाम्बाहरिसिंह, पचेवर सहित सम्पूर्ण क्षेत्र में ईद-उल-अजहा का पर्व उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जुलूस के बाद सभी मुस्लिम परिवारों ने कुर्बानी की रस्म निभाई। इस मौके पर पुलिस प्रशासन की ओर से शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए एवं पूरे समय पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारी जुलूस के साथ-साथ मौजूद रहे।