पूर्व सीईओ बिदिशा पिल्लई को सेव द चिल्ड्रन इंटरनेशनल में एक नई वैश्विक जिम्मेदारी सौंपी गई
नई दिल्ली,
सुदर्शन सुचि को बच्चों के अधिकारों के लिये काम कर रहे एक प्रमुख संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ का नया सीईओ नियुक्त किया गया है। यह संस्था भारत में ‘बाल रक्षा भारत” के रूप में पंजीकृत है। उन्होंने बिदिशा पिल्लई की जगह ली है, जिन्हें अब डायरेक्टर-कैम्पेंस, एडवोकेसी एंड कम्युनिकेशन, सेव द चिल्ड्रन इंटरनेशनल का कार्यभार सौंपा गया है। गौरतलब है कि सेव द चिल्ड्रन संगठन 101 साल पुराना है और भारत के 12 राज्यों में काम करता है। इसका लक्ष्य 2019-21 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष रूप से 4 मिलियन बच्चों की जरूरतों को पूरा करना है। सेव द चिल्ड्रन का उद्देश्य है कि भारत परिवर्तन का मुख्य स्रोत बने और वर्ष 2030 तक बच्चों के लिये उच्च तरक्की की उपलब्धि हासिल करने वाले शीर्ष 5 देशों में शामिल हो।दीपक कपूर, चेयर, सेव द चिल्ड्रन ने नई नियुक्तियों का स्वागत करते हुये कहा, ”ऐसे समय में जबकि पूरी दुनिया अभूतपूर्व चुनौतियों से जूझ रही है, सेव द चिल्ड्रन बच्चों के लिये एक नया भविष्य गढ़ने और इस प्रकार एक पीढ़ी की सुरक्षा करने के लिये प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि सुदर्शन और बिदिशा यह सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिकायें निभायेंगे कि हम जो भी करेंगे, उससे भारत और दुनिया भर में बच्चों के लिये एक बेहतर भविष्य का निर्माण होगा।” सुदर्शन को तीन दशकों से भी अधिक का अनुभव प्राप्त है और उन्हें ग्रामीण विकास का उल्लेखनीय एक्सपोजर मिला हुआ है। सुदर्शन का कहना है, ”मैंने गरीबों को न्याय दिलाने और राज्यों को जिम्मेदार बनाने से लेकर ग्रामीण प्रबंधन और आर्थिक सशक्तिकरण के लिये आपसी सहयोग तक एक लंबा सफर तय किया है। मैं पहली पीढ़ी के एक किसान की तरह हूं, जो खुद काम करके चीजों को सीख रहा है।” सुदर्शन एक छोटे से एनजीओ उद्यान सेंटर फॉर कोलैबोरेटिव लर्निंग के संस्थापक भी हैं। यह एनजीओ मध्य प्रदेश के सियोनी जिले के भाटीवाड़ा ग्राम पंचायत में काम करता है। पिल्लई ने कहा, ”मुझे भारत में एक मजबूत संगठन को सौंपते हुये गर्व हो रहा है, जो बच्चों के कल्याण के लिये पूरे लगन से काम करती है। इस संगठन ने खासतौर से कोविड-19 महामारी, अम्फान चक्रवात के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों के माता-पिता, समर्थकों और हमारे चिल्ड्रेन चेंजमेकर्स तक प्रमुखता से पहुंच स्थापित की है।सेव द चिल्ड्रन का सीईओ बनने से पहले पिल्लई ने इसकी ऐडवोकेसी, कैम्पेंस एंड कम्युनिकेशन्स तथा प्रोग्राम्स एवं पॉलिसी इम्पैक्ट फंक्शन्स का नेतृत्व किया था। उनके अनुभव से वैश्विक गतिविधियों को बल मिलेगा। भारत में हमने यूनाईटेड नेशन के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को हासिल करने में प्रमुख भूमिका प्रदर्शित की है और हमें सफलता भी हासिल हुई है। उनके नेतृत्व में पिछले दो सालों में सेव द चिल्ड्रन ने बच्चों के हितों में उल्लेखनीय कार्य किया है। पिछले साल इसने तकरीबन आठ लाख बच्चों तक पहुंच बनाई। सेव द चिल्ड्रन बच्चों की शिक्षा, सेहत, सुरक्षा से संबंधित मुद्दों और मानवीय/डीआरआर जरूरतों को पूरा करने के लिये काम करता है। संगठन खासतौर से उन बच्चों के हितों के लिये काम करता है, जो सबसे ज्यादा वंचित हैं। सेव द चिल्ड्रन का भारत के साथ सहयोग 80 साल से भी अधिक पुराना है।