पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में दस्त तथा कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए टोंक जिले सहित प्रदेशभर में सषक्त दस्त नियंत्रण अभियान संचालित किया जाएगा, जो 7 जुलाई से 6 अगस्त तक चलेगा।
अभियान में दस्त एवं कुपोषण से होने वाली बीमारियों के प्रति आमजन में जनजागृति लाने के लिए व्यापक जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस दौरान दस्त से पीडित पांच वर्ष तक के बच्चों की पहचान कर उन्हें ओआरएस पैकेट एवं जिंक टेबलेट निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्ता जनसमुदाय को स्वच्छता, पौष्टिक आहार एवं हाथ धोने के सही तरीके आदि की जानकारी भी देंगे।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 अषोक कुमार यादव ने बताया कि प्रत्येक जिला अस्पताल, सीएचसी तथा पीएचसी तथा सबसेंटर स्तर पर ओआरएस कॉर्नर स्थापित किये जाएंगे।
महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ जिला स्तर पर समन्वय स्थापित कर दस्त नियंत्रण अभियान में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की भूमिका भी सुनिष्चित की जाएगी। आषा सहयोगिनियों को इस अभियान में घर-घर सर्वे की जायेगी। आशा एवं प्रसाविका द्वारा हाथ धुलाई का तरीका एवं महत्व भी बताया जाएगा।
दस्त नियंत्रण अभियान में दो माह से लेकर पांच साल तक की उम्र तक के बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा। बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाकर और जिंक टेबलेट देकर डायरिया व कुपोषण से दूर रखा जा सकता है। पूरे अभियान के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 एस.एस. अग्रवाल ने बताया कि दस्त एवं उसके कारण होने वाले निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस एवं जिंक की गोली के उपयोग के साथ पर्याप्त पोषण द्वारा रोका जा सकता है। साथ ही दस्त की रोकथाम के लिए पीने के लिए साफ पानी का प्रयोग, समय समय पर हाथों को पानी एवं साबुन सेे धोना, स्वछता, समय पर टीकाकरण, स्तनपान एवं पर्याप्त पोषण लेना जरूरी है। 5 वर्ष से छोटे बच्चों में दस्त रोग एक गंभीर समस्या है बाल्यकाल में आज भी दस्त रोग 5 वर्ष से कम उम्र में होने वाली मृत्यु का महत्वपूर्ण कारण है, हमारे देश में लगभग 10 प्रतिशत मृत्यु इस रोग के कारण होती है। दस्त से होने वाली ये मृत्यु प्रायः गर्मी, मानसून के मौसम में होती है और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों में इसका सबसे बुरा प्रभाव पडता है।