एक शाम वतन के नाम कार्यक्रम में सीमा पर डटे जवानों की जिदंगी व शहादत पर आधारित नाटक का मंचन

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डिग्गी के अग्रवाल सेवा सदन में जैन सोशल गु्रप व अग्रसेन यूथ क्लब पीपलू के सदस्यों ने एक शाम वतन के नाम कार्यक्रम में जवानों की जिदंगी तथा उनकी शहादत पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। नाटक के दौरान सीमा का दृश्य, जवानों की परिस्थिति, जवानों को छुट्टी मिलना, छुट्टी मिलने पर खुशी, घर पर आना, लंबे समय बाद परिवार से मिलना, भाई की कलाई पर राखी बांधने का इंतजार करते बहन की पथराई आंखे, अचानक बोर्डर पर आतंकवादी हमला होने पर फौजियों की छुट्टियों के रद्द होने पर वापस जाने सहित कई दृश्यों का मार्मिक मंचन किया गया। कार्यक्रम के अंत में लाख कोशिशे कर लो तुम इक बार भी जीत नहीं सकते। चालबाज हो तुम सियार से, हम तेरी औकात समझतें हैं। यू ही तेरे मंसूबों पर पानी फिरता रहेगा याद रखना, तू भारत मां के चरणों में यूं ही जिंदगी भर झुकता रहेगा, मिटता रहेगा की पंक्तियों के साथ जवानों व आतंकवादियों में जंग शुरु होती हैं। जवानों द्वारा आतंकवादियों को ढ़ेर कर दिया जाता हैं लेकिन फिर कुछ जवान शहीद हो जाते हैं। बोर्डर पर शहीद हुए जवान का पार्थिव शरीर जब सम्मान के साथ घर आता हैं तो उस पर जवानों सहित अतिथियों द्वारा पुष्प अर्पित किए जाते हैं। इन दृश्यों को देखकर हर एक दर्शक की आंखे नम हो गई। पूरा परिसर वंदे मातरम, भारत माता के जयकारों से गूंजायमान हो उठता हैं। एंकर अतुल जैन की पंक्तियां सुख भरपूर गया, मांग का सिंदूर गया, नन्हें नौनिहालों की लंगोटिया चली गई, बाप की दवाई गई, भाई की पढ़ाई गई, नन्हीं बेटियों की खुशियां चली गई। ऐसा विस्फोट हुआ, निहत्थे सोए जवानों पर, जनता के लिए एक आदमी मरा हैं साहब, किसी के घर की तो जन्नत चली गई साहब…ने उपस्थितों की आंखों में आसूं ला दिए। उपस्थितों ने इन पंक्तियों की जमकर सराहना की। नाटक में जैन सोशल गु्रप एवं अग्रसेन यूथ क्लब के अतुल कुमार जैन, मोहित जैन, विजय जैन, हिमांशु जैन, अभिषेक जैन, अभिषेक नक्टा, आशीष जैन, उमेश जैन, नीता जैन, अंतिमा जैन, अनिता जैन, अक्षय सिंहल, सम्मेद, सन्मति, गणेश, सक्षम सहित पूरी टीम ने मंचन किया। कार्यक्रम का संचालन अतुलकुमार जैन ने किया। इस दौरान विनोदकुमार, विमलकुमार, रवि विजयवर्गीय, अशोक जैन आदि भी मौजूद रहे।

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