सोहेला की रहने वाली एक और बेटी पिंकी ने अपने परिवार को उस समय भावनात्मक कर दिया जब परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए उसने कहा कि ’’मैं भी नौकरी कर परिवार के खर्चे में हाथ बटाऊंगी।‘‘ पिंकी का अपनी बड़ी बहन के साथ बाल विवाह होने वाला था पर पिंकी ने अपने माता-पिता को मनाया कि अभी और पढ़ना चाहती हंू और नौकरी कर आर्थिक मदद करना चाहती हूं। परियोजना के सहयोग से पिंकी ने कम्पयूटर कोर्स किया और आज वह कम्पयूटर ऑपरेटर की नौकरी कर महिने के 8000 रूपए कमा रही है। पिंकी का मानना है कि हर लड़की के माता-पिता को अपनी बेटी को आर्थिक रूप से सषक्त कर उसके सपनों को उडान देनी चाहिए।
पिंकी के इस होंसले ने उनके पिता को पिंकी का बाल विवाह न कर एक जिम्मेदार पिता होने का फर्ज निभाने के लिए प्रेरित किया और दूसरे अभिभावकों को संदेष दिया है कि आप भी बनें एक जिम्मेदार पिता! अपनी बेटियों को षिक्षित करें स्वस्थ व आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के बाद ही उनका विवाह करें।