विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी डिग्गी में शरद पूर्णिमा के अवसर पर डिग्गी कल्याण जी को सफेद पोशाक धारण करवा गई तथा देर रात्रि में चन्द्रमा की रोशनी में रखी अमृत रूपी खीर की महाप्रसादी का वितरण किया गया। जिसमें भारी संख्या में श्रीजी भक्तों ने नयनाभिराम झांकी के दर्शन किए। मंगला आरती से शुरू हुआ श्रृद्धालुओं के आगमन का सिलसिला देर रात शयन आरती तक जारी रहा। शरद पूर्णिमा का विशेष आध्यात्मिक महत्व होने के कारण सुबह से ही श्रद्धालुओं के डिग्गी पहुंचने का क्रम शुरू हो गया जो दिन भर अनवरत रहा। श्रद्धालुओं के बसों एवं निजी वाहनों से डिग्गी पहुंचने के कारण इिनभर मेले सा नजारा रहा। भारी संख्या में उमडे श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए पुलिस को दिन भर व्यवस्था करनी पडी तथा धौली गेट से ही कस्बे में वाहनों का प्रवेश बंद रखा गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्णिमा पर लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीजी महाराज के दर्शन किए। शरदपूर्णिमा पर भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले श्रीजी महाराज की आदमकद प्रतिमा का विशेष श्रंगार कर श्वेत पौशाक धारण करवाई गई जिसमें प्रतिमा मानो साक्षात अवतरित होकर दर्शन देने के लिए खडी हो। भगवान की नयनाभिराम झांकी के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के वशीभूत होकर जमकर कल्याण धणी के जयकारे लगाकर वातावरण को गुंजायमान कर दिया।