पचेवर क्षैत्र के राथल्या गांव में चली रही श्रीमद.भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के अवसर पर बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भव्य झांकी सजाई गई तथा व्यासपीठ पर विराजित कथा वाचक पंडि़त चंद्रधर दाधीच द्वारा ससंगीत मधुर वाणी के साथ कथा का वृतांत्त सुनाया गया। इस अवसर नंदोत्सव की कथा का श्रवण करते हुए तथा जीवंत झासंकी के दर्शन करते श्रद्वालु भावविभोर होकर अपने स्थान पर नृत्य करते हुए एक-दूसरे को भगवान कृष्ण के जन्म की बधाई देते रहे। प्रधान यजमान श्योनारायण गुर्जर ने बताया कि गांव के भैरूजी धाम पर चल रही श्रीमद.भागवत कथा के दौरान उपसिथत ग्रामीणो को पंडि़त दाधीच की मुधर वाणी के साथ ही संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ कथा का श्रवण करने का सातवीं बार अवसर पर प्राप्त हुआ। ग्रामीणों द्वारा आयोजित सामूहिक कथा के अवसर पर बड़ी संख्या में महिला श्रद्वालुओं की उपस्थिति में कथा का वृतांत सुनाया गया। इस अवसर पर पंडि़त दाधीच ने बताया कि जब-जब पृथवी पर पापियों द्वारा धर्म को क्षति पहुंचाई जाती है तथा दुष्ट द्वारा धर्म पथ पर चलने वालों को हानि पहुंचाई जाती है तब-तब भगवान पृथ्वी पर अवतरीत होकर दुष्टो का संहार करते है। जब कंस के पापो की पराकाष्ठा हो गई तथा उसके पाप का घड़ा भर गया तो नारायण ने मनुष्य रूप में जन्म लिया। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान लोगो ने एक-दूसरे को बधाई देने के साथ ही खुशी के साथ जमकर नृत्य किया। इस अवसर पर सुखलाल गुर्जर, श्योजीराम घासल, श्योजीराम निठारवाल आदि सहित कई लोग उपस्थित रहे।