समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने की शुरूआत खुद से की जाए तो वो दिन दूर नहीं जब इन कुरीतियों का स्थायी खात्मा हो जाए तथा स्वच्छ व कुरीतिमुक्त समाज की परिकल्पना साकार हो सके।
एक ऐसा ही उदाहरण क्षेत्र में देखने को मिला जहां एक शिक्षित पीढी ने अपने पिता की मृत्यु पर समाज में एक ऐसा अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया जो दुसरों के लिए नायाब उदाहरण एवं अनुकरणीय उदाहरण के रूप में सदैव याद रखा जाएगा। स्वर्गीय भंवर लाल तंवर (भोपा) निवासी डिग्गी के पगड़ी दस्तूर के कार्यक्रम में उनके सुपुत्रों रामधन माली वरिष्ठ अध्यापक, अशोक माली व्याख्याता, एवं कृष्ण कुमार सैनी वरिष्ठ अध्यापक ने माली समाज में अनूठी मिसाल पेश की।
अखिल माली (सैनी) समाज धर्मशाला समिति डिग्गी के अध्यक्ष कालूराम मुंडया ने बताया कि स्वर्गीय भंवर लाल तंवर के सुपुत्रों ने नुक्ता प्रथा (मृत्यु भोज) को कम करके उसके एवज में समाज के विद्यार्थियों की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु ₹100000 (एक लाख रुपए) के मूल्य की प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की 502 पुस्तकें, पुस्तक रेक (2) एवं स्टेशनरी सामग्री धर्मशाला समिति को भेंट की। इस अवसर पर धर्मशाला समिति के पदाधिकारियों एवं समाज के पंच पटेलों ने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य हेतु की गई इस अनूठी पहल के लिए रामधन माली एवं तंवर परिवार भोपों की ढाणी डिग्गी का आभार व्यक्त किया एवं समिति ने निर्णय लिया कि समाज सुधार के लिए ऐसे क्रांतिकारी कदमों के लिए समाज में जागरूकता उत्पन्न की जाएगी एवं विभिन्न सामाजिक अवसरों पर शिक्षा के अवसर बढ़ाने के लिए समाज के व्यक्तियों को प्रेरित किया जाएगा। इस अवसर पर कालूराम मुंडया अध्यक्ष, बन्ना लाल सैनी कोषाध्यक्ष, हनुमान करोड़ीवाल उपाध्यक्ष, जोरू लाल सैनी समिति संयोजक एवं धर्मशाला समिति के अन्य पदाधिकारी और समाज के गणमान्य पंच पटेल उपस्थित रहे।