भीलवाड़ा-जयपुर सडक मार्ग पर मंगलवार को दोपहर 12 बजे से आरएसआरडीसी ने व्यवस्थाएं संभाल ली है तथा अब से आरएसआरडीसी ही टोल का संचालन कर टोल वूसलने का कार्य करेगी। राजस्थान प्रदेश में पीपीपी मॉडल के रूप में बनने वाली पहली सडक पर सडक निर्माता कम्पनी भीलवाडा-जयपुर टोल रोड प्राईवेट लिमिटेड द्वारा रेनवाल, मालपुरा, केकडी व शाहपुरा में चार टोल स्थापित किए गए। सडक निर्माता कम्पनी को सडक निर्माण करने के पश्चात 22 वर्ष तक के लिए टोल वसूली का अधिकार प्राप्त हुआ। तत्कालीन वसुंधरा सरकार द्वारा निजी वाहनों से टोल वसूली पर रोक लगाए जाने की घोषणा की गई जो 01 अप्रेल से 31 अक्टूबर 2019 तक जारी रही। लेकिन इसके बाद बनी कांगे्रस की गहलोत नेतृत्व वाली सरकार ने इस निर्णय पर रोक लगाते हुए 01 नवम्बर 2019 से पूर्व की व्यवस्थाओं के अनुसार सभी वाहनों से दोबारा से टोल वसूली के आदेश जारी किए गए। इसके बाद सडक निर्माता कम्पनी ने सरकार से निजी वाहनों को दी गई छूट की पुनर्भरण राशि दिलवाए जाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय व आरबीट्रेटर में वाद दायर किया गया जहां से लम्बी न्यायिक प्रक्रिया के बाद उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी किए जिसके बाद मंगलवार को दोपहर 12 बजे से टोल वसूली का जिम्मा सार्वजनिक निर्माण विभाग के आरएसआरडीसी को सौंपा गया। अंतरिम आदेशों की पालना में भीलवाडा-जयपुर सडक मार्ग पर स्थित चारों टोल पर व्यवस्थाएं संभालने से पूर्व मालपुरा सार्वजनिक निर्माण विभाग कार्यालय में एक आवश्यक बैठक हुई जिसमें विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस पी विजय, आरएसआरडीसी के डीजीएम वी के जैन, आरएसआरडीसी के पीडी भीलवाडा अरूण कुमार, एक्सईएन धनपत मीणा, भीलवाडा-जयपुर रोड टोल प्राईवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि के रूप में कर्नल बी डी सिंह मौजूद रहे। एक्सईएन धनपत मीणा ने बताया कि बीओटी सडक जयपुर से भीलवाडा वाया मालपुरा, केकडी, शाहपुरा जिसकी लम्बाई 212 किमी. है। उच्च न्यायालय के 12 अक्टूबर 2020 में विचाराधीन प्रकरण एवं आरबीट्रेटर के अंतरिम आदेश 30 अक्टूबर 2019 की पालना में वर्तमान में भीलवाडा-जयपुर टोल रोड प्राईवेट लिमिटेड से लेकर आरएसआरडीसी को अंतरिम व्यवस्था में स्थानान्तरित की गई है। 16 जून 2021 से जयपुर से भीलवाडा के बीच स्थित चारों टोल पर टोल वसूली एवं सडक की देखभाल अब आरएसआरडीसी द्वारा की जाएगी।

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