केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में शुक्रवार को संविधान दिवस का आयोजन समारोहपूर्वक किया गया। इस अवसर पर संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित समारोह का प्रसारण किया गया। प्रधान वैज्ञानिक एवं सोशल मिडियानोडल अधिकारी डॉ. रमेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू ने संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर दूसरे मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित डॉ. डी.बी. शाक्यवार, निदेशक, राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता ने संविधान में लोकतंत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। डॉ. एन वी पाटिल, प्रभारी अध्यक्ष, एलपीआर एम विभाग, काजरी जोधपुर ने संविधान के लचीलापन एवं जन हितैषी भाव पर चर्चा की। डॉ. ए के पटेल, प्रधान वैज्ञानिक, काजरी ने कहा कि नागरिक के रूप में सकारात्मक दृष्टिकोण रखा जाये तो संविधान की पालना सुगम हो जाती है। डॉ. राघवेन्द्र सिंह, विभागाध्यक्ष पशु शरीर क्रिया एवं जैव रसायन विभाग ने कहा कि संविधान में प्रदत्त प्रावधानों का अनुपालन किया जाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। सुरेश कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने संविधान के विभिन्न भागों पर विस्तृत चर्चा की केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है जिसमें हर परिस्थिति में न्याय की उचित व्यवस्था की गई है। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन सुरेश कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी द्वारा दिया गया तथा कार्यक्रम का संचालन दुर्गा लाल वर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी द्वारा किया गया।