दिव्यांग सुनीता चौधरी सहित 4 छात्राओं को मिला पदमाक्षी पुरस्कार, 497 छात्राओं को मिला गार्गी पुरस्कार

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राजकीय बालिका उमा विद्यालय में गुरूवार को गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया जिसमें 4 छात्राओं को पदमाक्षी तथा चयनित बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से नवाजा गया। समारोह में जिला शिक्षाधिकारी रमाशंकर स्वामी, विशिष्ठ अतिथि ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षाधिकारी श्योजीलाल बैरवा, राजकीय उमा विद्यालय प्रधानाचार्य गिरधर सिंह, स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल सुभाष कुम्भज, बालिका विद्यालय प्रधानाचार्य बीना बेदी ने शिरकत की। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। शाला परिवार की ओर से सभी अतिथियों का राजस्थानी परम्परा से स्वागत किया गया एवं बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। मंच से समारोह की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष क्षेत्र से चार छात्राओं का पदमाक्षी पुरस्कार के साथ-साथ बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार के लिए चयन किया गया है जो अपने आप में बहुत बडी उपलब्धि है। समारोह में कक्षा 8 की छात्रा कौशल्या मीणा का अनुसूचित जनजाति वर्ग से, कक्षा 10 की सखी बाहेती का सामान्य वर्ग से, कक्षा 10 में ही अल्पसंख्यक वर्ग से इशिता जैन तथा कक्षा 12 में दिव्यांग वर्ग से सुनीता चौधरी को पदमाक्षी पुरस्कार से नवाजा गया। पदमाक्षी पुरस्कार से सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं का नाम मंच से पुकारे जाने के साथ ही मंच के सामने आसीन सैंकडों बालिकाओं, अभिभावकों एवं प्रबुद्धजनों ने करतल ध्वनि से प्रतिभाओं की हौंसला अफजाई की तथा अतिथियों ने भी गर्व से इन बालिकाओं के हौंसलों एवं कडी मेहनत की भरपूर सराहना की। समारोह में कक्षा 12 की 160 बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो कक्षा 10 की 143 बालिकाओं को प्रथम किश्त तथा 194 बालिकाओं को द्वितीय किश्त के चैक सौंपे गए। समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्य कुम्भज ने कहा कि वर्तमान युग बालिकाओं का युग है जिसमें हर क्षेत्र में बालिकाओं ने कडी प्रतिस्पर्धा कर प्रतिभा के रूप में चयनित होकर अपने आप को साबित किया है। प्रधानाचार्य गिरधर सिंह ने राज्य सरकार की ओर से बालिका शिक्षा को बढावा देने के लिए लागू की गई योजनाओं की जमकर सराहना करते हुए कहा कि अब हर बालिका को ध्यान रखना होगा कि उसके आस-पास कोई भी बालिका शिक्षा से वंचित ना रह पाए। ऐसे में वह स्वयं के साथ-साथ दूसरे का भी भला कर पाएगी। जिला शिक्षाधिकारी स्वामी ने पुरस्कार के लिए चयनित सभी प्रतिभाओं को शुभकामनाएं देते हुए आगे भी कडी मेहनत व लगन से अध्ययन करते हुए अपने परिवार, विद्यालय व क्षेत्र का नाम रोशन करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में बडी संख्या में अन्य विद्यालयो की छात्राएं, शिक्षा जगत से जुडी हस्तियों सहित अभिभावक मौजूद रहे। समारोह में प्रधानाचार्य रामबाबू विजय, शारीरिक शिक्षक शंकर लाल चौधरी, अरविन्द त्रिपाठी, प्रवीण कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

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