राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से संचालित पशु विज्ञान केंद्र टोंक द्वारा आज दिनांक 8 अप्रैल 20 21 को “पशुओं में सामान्य विषाक्तता तथा उनका उपचार” विषय पर ऑनलाइन पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया| जिसमें डॉ. देवेंद्र चौधरी (मुख्य वक्ता, पशु चिकित्सा महाविद्यालय नवानिया, वल्लभनगर), डॉ. दीपक गिल, डॉ. राजेश सैनी व डॉ. नरेंद्र चौधरी ने पशुओं में होने वाली विषाक्तता के लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी| शिविर में पशुओं में होने वाली सामान्य विषाक्तता जैसे- यूरिया विषाक्तता, सायनाइड विषाक्तता, नाइट्रेट विषाक्तता , कीटनाशक विषाक्तता तथा सर्प के काटने से होने वाली विषाक्तता आदि के बारे में जानकारी दी गई| शिविर में पशुओं में कुछ पौधों जैसे- लेंटाना कैमारा, ज्वार, बबूल, चरी , मक्का आदि से विषाक्तता के बारे में बताया| शिविर में विषाक्तता के लक्षण जैसे- आफरा , आंखों का नीला , बुखार, मुंह से झाग आना, त्वचा का लाल होना आदि होते हैं | विषाक्तता के प्राथमिक उपचार के लिए तरल पैराफिन, मैग्निशियम सल्फेट व एक्टिवेटेड चारकोल का उपयोग कर सकते हैं| शिविर में 27 पशुपालकों ने भागीदारी निभाई|