जलझूलनी एकादशी पर डिग्गी गढ परिसर में हुआ विभिन्न कार्यक्रम व प्रतियोगिताओ का आयोजन

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विश्वप्रसिद्ध तीर्थनगरी डिग्गी में ऐतिहासिक जलझूलनी एकादशी पर डिग्गी घराने के ठाकुर संग्राम सिंह द्वारा 1927 में शुरू की गई परम्परा का निर्वहन करते हुए डिग्गी गढ पैलेस में गुरूवार को श्रीरामदास ट्रस्ट एवं राजस्थान कला एवं पर्यटन, सांस्कृतिक विभाग राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में राज्यस्तरीय ढोलक, झांझा, अलगोजा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें फागी, मांदोलाई ने विजेता व उपविजेता का खिताब अपने नाम किया तथा प्रतियोगिता मे तृतीय स्थान पर वनस्थली रही। जलझूलनी एकादशी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष छोगालाल गुर्जर, प्रताप सिंह सहित अन्य सदस्यों ने अतिथियों का माला एवं साफा पहनाकर सम्मान किया। कार्यक्रम संयोजक ठाकुर रामप्रताप सिंह ने उपस्थित अपार जनसमूह का स्वागत करते हुए कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्धेश्य राजस्थान की लोक कला संस्कृति की परम्परा बनाए रखना एवं राजस्थानी वाद्ययंत्रों की पहचान को जीवित रखना है। कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी अजय कुमार आर्य ने कार्यक्रम की जमकर सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही असली भारत बसता है। जिसमें विविध भाषाएं, रंग-रूप, नृत्य-गीत, अलग-अलग होते हुए भी हमें सांस्कृतिक एकता का बोध करवाता है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोवर्धन लाल सुंकरिया ने अभूतपूर्व कार्यक्रम बताया। भारत की लोक संस्कृति को जीवन्त रखने के लिए सरकार व संगठनों के साथ-साथ आमजन का सहयोग भी जरूरी है। उन्होंनें कहा कि सन् 1927 से कल्याणधणी का जलझूलनी एकादशी मेला भरता है। इस अवसर पर गढ परिसर में आयोजित ढोलक, झांझ अलगोजा प्रतियोगिता में जिलेभर से दर्जनों टीमो ने भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान पर फागी की कंचन कुमार एण्ड पार्टी द्वितीय स्थान पर सपेरा एण्ड पार्टी मांदोलाई, तथा तृतीय स्थान पर मथुरा लाल एण्ड पार्टी वनस्थली रहे। इस दौरान राजस्थान सरकार के पर्यटन एवं कला विभाग के लोक कलामण्डल के सदस्योंं ने मनमोहक लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में पुलिस उपाधीक्षक राजेश मलिक, डिग्गी थानाधिकारी नियाज मोहम्मद सहित अन्य अतिथि एवं प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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