गरजेड़ा गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं किसान चौपाल का आयोजन

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गरजेड़ा गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं किसान चौपाल का आयोजन
गरजेड़ा गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं किसान चौपाल का आयोजन

शिविर में पशुपालकों को मौसमी बीमारियों से बचाव व प्रबंधन विषय की दी जानकारी

केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में चल रही फार्मर फस्र्ट परियोजना के अंतर्गत निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर के निर्देशन में शुक्रवार को गरजेड़ा गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 348 भेड़ों, 155 बकरियों एवं 90 डेरी पशुओं की नि:शुल्क जांच एवं दवा उपलब्ध करवाई गई। चौपाल के दौरान प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस आर शर्मा ने पशुपालकों को मौसमी बीमारियों से बचाव व प्रबंधन विषय में बताया। इस अवसर पर डॉ. पी के मलिक, डॉ. एस जे पांडियान, डॉ. एल आर गुर्जर, डॉ. दुष्यंत कुमार एवं डॉ. एस एस डांगी (प्रधान अन्वेषक, फार्मर फस्र्ट परियोजना) ने किसानों को पशु स्वास्थ्य के संदर्भ में उपयोगी बाते बताई।

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अनुसुचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत किसानों को मूंग फसल बीज वितरण कार्यक्रम एवं किसान संगोष्ठी का आयोजन

केन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में चल रही अनुसूचित जाति उपयोजना (एस.सी.एस.पी) के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के गरीब किसानों को आगामी खरीफ सीजन में बुवाई हेतु शनिवार को को मूंग फसल बीज वितरण कार्यक्रम एवं किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लगभग 40 किसानों ने भाग लिया जिनको मूंग के उन्नत किस्म के बीजों का वितरण किया गया। उक्त संगोष्ठी कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. अरूण कुमार तोमर ने किसानों को सम्बोधित करते हुये बताया कि पशुपालकों को पशुओं से अधिक उत्पादन लेने हेतु अच्छी नस्ल के पशु पालना चाहिए एवं पशुओं में समय पर टीकाकरण करवाने की सलाह दी तथा पशुपालन एवं खेती में उन्नत बीज के महत्व के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु किसानों को टीकाकरण अवश्य करवाने की सलाह दी। संगोष्ठी में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. राघवेन्द्र सिंह, डॉ. एस. आर. शर्मा, डॉ. आर.सी. शर्मा, डॉ. आर. एस. भट्ट, डॉ. एन. षण्मुगम, डॉ. एस. एस. डांगी, डॉ. डी.के. शर्मा ने भी किसानों को पशुओं का उत्पादन बढ़ाने में पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य, पशुओं में टीकाकरण के लाभ के बारे में जानकारी दी एवं रेवड़ में उन्नत नस्ल के पशु रखने के फायदे बताये कार्यक्रम में परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने किसानों को सम्बोधित करते हुये पशुपालन एवं कृषि में नवीन तकनीकियों को अपनाकर आजीविका को सुदृढ़ करने पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन परियोजना के सह-नोडल अधिकारी एवं प्रभारी, टी. ओ.टी. एवं एस. एस. डॉ. एल.आर. गुर्जर के द्वारा किया गया साथ ही उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि संस्थान समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर किसानों को लाभान्वित करता रहता है एवं संस्थान भी किसानों से अपेक्षा करता है कि वे भी उक्त कार्यक्रमों में भाग लेकर संस्थान का सहयोग करें।

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