भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए नारायण ने खम्भ फाडकर लिया हिरण्यकश्यप अवतार

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श्री मद भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ के तृतीय दिन विजयवर्गीय सेवा सदन में व्यास पीठ से चित्तोडगढ रामद्वारा के विद्धान रामस्नेही सन्त दिग्विजय राम ने भागवत कथा के दौरान कहा कि इस दुनिया मे माता पिता की सेवा से बढ कर कुछ भी नहीं हैं। महाराज ने कहा कि आज के युवा बुढापे में अपने माता पिता को सडक पर तडपता हुआ छोड देते हैं। बहुत से धनाढ्य सेठ अपने माता पिता को तो खाना नहीं खिला रहे हैं और दूसरों के लिए बडे-बडे भण्डारे लगाकर उन्हें सात पकवान खिला रहें हैं। आने जाने वाले राहगीरों को ठंडा शर्बत पीला रहें हैं। खूब सेवा कर रहे हैं। मगर याद रखिये भगवान कभी उन पर कृपा नहीं करते क्योंकि असली भगवान तो उसके माता पिता के रूप में भूखे तडप रहें हैं। कथा में अनेकों ज्ञानवर्धक प्रसंगों के साथ साथ महाराज ने मीठे मीठे भजनों के माध्यम से भक्तजनों को शिक्षात्मक सन्देश दिए। कार्यक्रम में मीठे भजनों की धुन पर पुरुष-महिलाओं ने भाव विभोर होकर नृत्य किया, कथा के दौरान भक्त प्रह्लाद पर राक्षस राजा हिरण्यकश्यप के हो रहे निरन्तर अत्याचार के बाद भक्त प्रह्लाद की पुकार पर भगवान त्रिलोकीनाथ द्वारा भक्त प्रह्लाद की रक्षार्थ खम्भा फाडकर राजा हिरण्यकश्यप वध के प्रसंग की सजीव झांकी का प्रस्तुतीकरण किया गया। पुण्यार्जक परिवार के रामदत्त त्रिलोकचन्द विजय परिवार ने आरती का पुण्य लाभ लिया। कार्यक्रम में आयोजक परिवार के आग्रह पर मुरलीधर विजय अध्यक्ष विजयवर्गीय समाज मालपुरा, दिनेश विजयवर्गीय अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी मालपुरा, रेखा विजय संयोजिका महिला मण्डल, सीताराम विजय व्यवस्थापक विजयवर्गीय सेवा सदन, सुरेश विजय अध्यक्ष वैश्य समाज मालपुरा का सन्त श्री दिग्विजयराम जी ने माला और स्मृति चिन्ह देकर आशीर्वाद दिया।

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