राजस्थान पटवार संघ के साथ पूर्व में हुए समझौतों को लागू करने तथा मांगो एवं समस्याओं पर के निस्तारण के संबंध में संघ वर्षभर से लगातार ज्ञापनों,जनप्रतिनिधियों के मार्फत सरकार को मांग-पत्र एवं ज्ञापन भेजने, टिविटर आदि सोशल मिडिया प्रयोग, जनप्रतिनिधि जनचेतना ज्ञापन एवं अनुशंषा-पत्र कार्यक्रम, सदबुद्धि यज्ञ का आयोजन, 6 अक्टूबर से लगातार सभी पटवारियों द्वारा काला मास्क एवं काली पट्टी लगाकर कार्य करना, फल एवं काला मास्क वितरण का कार्यक्रम, किसानों के समर्थन में सोशियल, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कैम्पेन कार्यक्रम, स्पिक-अप फॉर जस्टिस कार्यक्रम, 15 अक्टूबर से लगातार कोरोना जनजागृति एवं मास्क वितरण कार्यक्रम आदि के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। राजस्थान के सभी कर्मचारियों की तराह से पटवारियों को भी सरकार से यह पूर्ण आशा थी कि वर्ष 2013 में आपकी सरकार द्वारा अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन में जो सुधार किया गया था उसको गत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में निरस्त कर दिया गया था उसको पुन: लागू करके वेतन कटौती से पीडीत कर्मचारियों को राहत प्रदान की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। 05 अगस्त, 2020 को राज्य के समस्त कर्मचारी संगठनों से वीडियो कॉनफ्रेसिंग के माध्यम से ली गई बैठक में एक माह में सभी कर्मचारी संघों से उनके मांग-पत्रों पर संवाद करने की बात कही थी लेकिन इस स्तर पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई हैं। राजस्थान पटवार संघ के संशोधित मांग पत्र में पटवारी की वेतन विसंगति सुधार हेतु पूर्व में हुए समझौतों एवं पटवारी के कार्य की बहुआयामी राजस्व, प्रशासनिक, तकनीकी प्रगति के मद्देनजर ग्रेड पे 3600 (पे लेवल 10) किए जाने, ए.सी.पी. योजना के अंतर्गत 9, 18, 27 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान पर 7. 14. 21. 28, 32 की सेवा अवधि पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोन्नति पद का वेतनमान दिए जाने, संगठन के साथ पूर्व में हुए सभी समझौतों एवं संगतन द्वारा समय-समय पर प्रेषित ज्ञापनों का निस्तारण किए जाने जैसी मांगे शामिल है। सोमवार को पंटवार संघ के सभी सदस्यों ने प्रदेश महासमिति के आह्वान पर एक दिन का कलम डाउन रखा तथा 21 दिसम्बर को राजस्थान के समस्त जिला मुख्यालयों पर मूक रैली का आयोजन किए जाने की जानकारी दी। राजस्थान पटवार संघ द्वारा एक वर्ष से लगातार शांतिपूर्वक ढंग से सरकार का ध्यानाकर्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है लेकिन सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है जिसके कारण समस्त पटवारियों में रोष एवं अविश्वास व्याप्त है जिसकी परिणिति में सरकार के विरूद्ध समस्त पटवारियों को मजबूरन सडकों पर उरतना पडेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।