चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने गुरुवार शाम बिरला ऑडिटोरियम में 2 दिन की पेरिनेटल कॉन्फ्रेंस के पहले दिन के सायं कालीन सत्र में समेकित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर देश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिशु रोग ,स्त्री रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी गण मौजूद थे। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि किसी भी प्रदेश के स्वास्थ्य की जांच उस प्रदेश के हेल्थ इंडेक्स से की जा सकती है उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में किए गए विशेष प्रयासों से अब स्वास्थ्य सूचकांकों में निरंतर सुधार हो रहा है। नीति आयोग ने हाल ही में आधार वर्ष 2014 15 और रेफरेंस वर्ष 2015 16 के आंकड़े प्रकाशित किए हैं वर्ष 2014 15 के आधार वर्ष के मुताबिक वार्षिक वृद्धि दर के आधार पर राजस्थान 21 बड़े राज्यों में आठवें पायदान पर है एस आर एस के अनुसार साल 2013 में राजस्थान की 5 वर्ष तक के बच्चों की शिशु मृत्यु दर 57 थी जो अब 12 अंकों की गिरावट के साथ 45 रह गई है। नवजात शिशु मृत्यु दर में 4 अंकों का सुधार हुआ है और यह 32 से घटकर 28 प्रति हजार रह गई है पी एफ आर में भी बेहतर सुधार हुआ है । सराफ ने यह कहा की समय पूर्व जन्मे या कम वजन वाले नवजात शिशुओं के सघन उपचार के लिए वर्तमान में 7 एस एन सी यू संचालित हैं जिनमें नए स्थापित 16 एस एन सी यू भी शामिल है। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व सुरक्षा प्रदान कर सुरक्षित मातृत्व के साथ ही मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए कई अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बच्चों में कुपोषण की समस्या भी चुनौतीपूर्ण है इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश के 13 जिलों जिनमें बाड़मेर बारां, बांसवाड़ा ,बूंदी, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालौर, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर जिलों के 41 ब्लॉक्स में अति गंभीर कुपोषित बच्चों का प्रबंधन कर उन्हें अति कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया । कुल 10246 बच्चे अति गंभीर कुपोषित पाए गए थे इनमें 406 को कुपोषण उपचार केंद्र भिजवा कर उपचार करवाया गया और बाकी 9 हजार 640 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सीमेम कार्यक्रम के तहत जोड़कर स्वास्थ्य कार्मिकों और परिजनों की निगरानी में पोषण अमृत खिलाकर कुपोषण मुक्त किया गया। श्री सराफ ने यह भी कहा कि प्रदेश में सीमेम कार्यक्रम के पहले चरण की सफलता के बाद अब पोषण 2 अभियान की शुरुआत की जा रही है इस अभियान को कुल 20 जिलों के 46 ब्लॉक में संचालित कर चिन्हित किए गए 13500 अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करवाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के इस महाकुंभ के सार्थक परिणाम आएंगे । शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में सहायक महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं पर दोनों दिन विस्तार से चर्चा के साथ ही एक दिशा की ओर हम अग्रसर होंगे । कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने प्रदेष में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं मेंबेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाने हेतु संचालित चिरायु कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी।