मालपुरा थाने के कांस्टेबल को 4500 रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार

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सर्वोच्च न्यायालय की रोक के बावजूद मालपुरा-टोडारायसिंह क्षेत्र में चल रहे अवैध बजरी खनन एवं परिवहन के गौरखधंधे पर टोंक एसीबी ने शिकंजा कसते हुए मालपुरा थाने में एक बार फिर पुलिस और बजरी माफियाओं के बीच चल रही सांठगांठ का भंडाफोड़ करते हुए एक पुलिस कॉन्स्टेबल को 4500 रु की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दरअसल टोंक एसीबी को एक परिवादी ने शिकायत की थी कि मालपुरा थाने में तैनात पुलिसकर्मी बजरी के ट्रक पास करवाने के एवज में प्रति वाहन 5000 की रिश्वत लेते हैं। शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाया। बीती देर रात्रि को मालपुरा थाने के दो कॉन्स्टेबल सुरेंद्र व रामभजन बजरी के वाहनों से पैसा वसूलते नजर आए। जिस पर एसीबी की टीम ने पैसा लेते सुरेंद्र को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। टीम को देखकर मौके से दूसरा कांस्टेबल राम भजन फरार हो गया।। टोंक एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह की मानें तो पिछले कई दिनों से बजरी माफियाओं से मालपुरा पुलिस द्वारा वसूली करने की लगातार शिकायते मिल रही थी। जिस पर इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। फिलहाल अब एसीबी की टीम कॉन्स्टेबल से बजरी के खेल में शामिल अधिकारियों के नाम उगलवाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि इसी थाने में पूर्व में टोरडी चौकी पर तैनात एक कांस्टेबल पूर्व में एसीबी की कार्रवाई में हत्थे चढा था तथा तत्कालीन थानाधिकारी धर्मेश दायमा का नाम भी सुर्खियों में आया था। हालांकि इसके बाद थानाधिकारी धर्मेश दायमा को तत्काल मालपुरा से हटाकर पुलिस लाइन भेजा गया था। अल सुबह तीन बजे एसीबी की कार्रवाई की खबर सम्पूर्ण क्षेत्र में आग की तरह फैल गई तथा बजरी माफियाओं के साथ-साथ उनके आकाओं एवं बजरी के खेल में लिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों में हडकम्प मच गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि मामले में लिप्त पाए जाने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई होती है या फिर छोटे कर्मचारी को बलि का बकरा बनाकर मामले को दबा दिया जाएगा। खास बात यह है कि शहर की संवेदनशीलता को देखते हुए सम्पूर्ण शहर में सीसी टीवी कैमरों का जाल बिछाया गया था जिसके बाद हर रात यहां से बजरी का परिवहन करने वाले वाहनों के गुजरने का क्रम जारी है लेकिन चप्पे-चप्पे पर नजर रखने वाली पुलिस को यह वाहन कभी दिखाई नहीं दिए। जिससे इस खेल के काफी दिनों से चलने की कहानी खुद बयां हो रही है। इस मामले में थानाधिकारी रवीन्द्र सिंह शेखावत से बात किए जाने पर थानाधिकारी शेखावत ने बताया कि बजरी वसूली के बारे में कांटस्ेबल के लिप्त होने की उन्हें जानकारी नहीं है। फिलहाल एसीबी की कार्रवाई में रंगे हाथो रिश्वत लेते पकडा गया कांस्टेबल सुरेन्द्र थाने में कम्पयूटर ऑपरेटर का कार्य करता था जिसका स्थानान्तरण होने के बावजूद भी वह थाने में डटा हुआ था।

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