सोमवार को मालपुरा में निकाली गई कावडयात्रा का नजारा वाकई में कुछ अलग, दिलचस्प व बेहद खास रहा। हालत यह रही कि जहां कावडयात्रा से पूर्व सपूर्ण शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया वहीं चारों ओर से कावडियों को कडी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रवेश से लेकर कार्यक्रम स्थल घाणा के बालाजी मंदिर तक सुरक्षित ले जाया गया। पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू के प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोवर्धन लाल सौंकरिया के नेतृत्व में कावडयात्रा के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए। जिले से लगभग 400 से अधिक पुलिस, आरएसी, एसटीएफ जवानों सहित अन्य पुलिसकर्मी मुस्तैदी से अपनी-अपनी डयूटी पर मौजूद रहे। कावडयात्रा से पूर्व शहर में जवानों की ओर से थानाधिकारी दलपत सिंह के नेतृत्व में लैगमार्च किया गया। रविवार को केदारनाथ मंदिर मालपुरा में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद बीसलपुर पहुंचे कावडिए जल लेकर रवाना हुए जहां टोडारायसिंह में उनका जोरदार स्वागत किया गया। मोर गांव में कावडियों का रात्रि विश्राम रहा तथा सोमवार को सुबल अल्पाहार के बाद कावडिए मोर से मालपुरा के लिए रवाना हुए इसके बाद अबापुरा गांव में भी कावडियों का स्वागत कर अल्पाहार करवाया गया। आरएसी पुलिस लाईन के पास एक घण्टा विश्राम के बाद दोपहर 3 बजे कावडयात्रा शहर में प्रवेश के लिए रवाना हुई। कावडयात्रा में शामिल कावडियों का स्वागत करने के लिए हिन्दुवादी संगठन एवं धर्मपे्रमियों में अपार उत्साह देखा गया तथा शहर के हर मार्ग व चौराहों पर कावडयात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया एवं कावडियों के लिए जलपान की समुचित व्यवस्था की गई। टोडारोड, ट्रक स्टैण्ड होते हुए कावडयात्रा के प्रवेश के साथ ही शिवभक्तों के टोलों के टोले यात्रा के साथ हो गए।हाथों में केसरिया ध्वज लिए व केसरिया बाना पहने हुए डीजे की धुन के साथ नाचते-गाते कावडियों का जोश देखते ही बनता था तथा छतों पर चढे लोगों एवं सडक पर खडे लोगों का कावडयात्रा का अंतिम छोर देखने के लिए कई मिनटों तक का इंतजार करना पडा। टोडारायसिंह रोड सडक मार्ग से प्रवेश होने से लेकर शहर के मुय मार्गो से होते हुए कावडयात्रा के कार्यक्रमस्थल घाणा के बालाजी तक सुरक्षित पहुंचने पर पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली कावडियों ने घाणा के बालाजी मंदिर में गोकर्णेश्वर से अपने साथ लाए जल से घाणेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया व कावडयात्रा के समापन की घोषणा की गई मालपुरा शहर में इस बार निकाली गई कावडयात्रा अपने आप में एक इतिहास बन गई।