नित नए दूरसंचार संसाधनों में हो रही वृद्धि एवं औद्योगिक क्रांति के लिए डिजीटल इंडिया के हसीन सपने दिखाए जा रहे है जिसके तहत पेपरलेस वर्क को बढावा दिया जा रहा है लेकिन आज भी साक्षरता के अभाव तथा सायबर क्राइम के तहत ठगी के नित नए तरीकों से भोले-भाले ग्रामीणों को लाखों रूपयों की चपत लगाई जा रही है।
जिनमें से कई लोग तो मदद के लिए पुलिस तक पहुंच जाने से घटनाएं उजागर हो जाती है लेकिन कई ग्रामीण इसे नियति मानकर नुकसान उठाने को मजबूर हो रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में ठगों द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों से दूरभाष पर सम्पर्क पर कभी मोाबाइल टावर लगाने तो कभी बिना ब्याज लोन देने तथा फोन पे एप्लीकेशन के जरिए ठगी के नित नए तरीकों से ग्रामीणों को बेवकूफ बनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।
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1 पिछले दिनों रीण्डलिया बुजुर्ग में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर करीब 13 लाख रूपयों की ठगी की वारदात की चर्चा ठंडी भी नहीं हुई थी कि पचेवर थाना क्षेत्र में ठगी का एक ओर मामला उजागर हुआ है। जिसमें बिना ब्याज लोन देने के नाम पर ग्रामीण से लगभग चार लाख रूपयों की धोखाधडी की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पचेवर निवासी कजोड पुत्र घासी माली को उसके मोबाइल पर एक अनजान नम्बर से फोन आया कि क्या वह बिना गारंटी व बिना ब्याज के लोन लेना चाहता है, इस पर कजोड ने हां भर ली। जिसके बाद दूसरी ओर से लगातार फोन आने का क्रम शुरू हो गया। उसे मोबाइल पर सूचित किया गया कि उसे केवल आधार कार्ड के बिना पर 25 लाख रूपयों का बिना ब्याज लोन स्वीकृत किया गया है।
जिस पर कजोड झांसे में आ गया तथा दूसरी ओर से कथित व्यक्ति के कहे अनुसार इंश्योरेंस व जीएसटी के नाम पर बारी बारी से एक खाता संख्या देकर लगभग 3 लाख 91 हजार 745 रूपए डलवा लिए। इतना ही नहीं ठगी करने वाले व्यक्ति द्वारा आगे भी लगातार फोन कर लगभग 2 लाख रूपए ओर जमा करवाने को कहा जा रहा है।
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संदेह होने पर कजोड द्वारा पचेवर थाने में उपस्थित होकर उसके साथ की गई ठगी की जानकारी दी गई। जिस पर कार्यवाहक थानाधिकारी दिलीप सिंह ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। कार्यवाहक थानाधिकारी दिलीप सिंह ने बताया कि पीडीत की ओर से 6 जुलाई को पचेवर थाने में दर्ज करवाई गई प्राथमिकी में बताया गया खाता जयपुर के सीतापुरा इलाके में किसी विजय सिंह का होना सामने आ रहा है।