सरवाड तहसील के मुंडेती गांव में हुए खदान हादसे में खदान में दबे मजूदर का शव रविवार को 48 घंटे बाद खान से बाहर निकाला जा सका। जिसके बाद मजूदर का शव लाम्बाहरिसिंह थानान्तर्गत उसके पेतृक गांव अडूस्या लाया गया। मजदूर जीतराम के खदान हादसे में अकाल मौत का शिकार हो जाने के बाद सम्पूर्ण गांव में पिछले दो दिन से सन्नाटा पसरा हुआ था तथा परिजनों एवं ग्रामीणों को उम्मीद थी कि शायद रेस्क्यू ऑपरेशन में मजदूर जीतराम को जीवित बाहर निकाला जा सके। लेकिन खान के अत्यधिक गहराई में होने तथा एलएण्डटी मशीन व चट्टानों एवं मलबे के नीचे दबे होने के कारण जीतराम के जीवित निकलने की संभावनाएं क्षीण हो गई थी। अजमेर पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम ने 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिर आज रविवार को सुबह जीतराम का शव खान से बाहर निकाला गया। मजदूर युवक जीतराम के शव के गांव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया तथा चारों ओर परिजनों की चीत्कार शुरू हो गई जिससे माहौल गमगीन हो गया। गांव में हर कोई पीडीत परिवार को ढाढस बंधाता दिखाई दिया। ग्रामीणों की मौजूदगी में मजदूर जीतराम का अंतिम संस्कार किया गया। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सुबह अजमेर जिले की सरवाड तहसील के मुंडोति डांडिया गांव में स्थित खदान में काम कर रहे तो मजदूर अचानक एलएनटी मशीन के साथ खान में गिर गए थे जिसमें से एक मजदूर को बाहर निकालकर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन दूसरा मजदूर जीतराम खदान में चट्टानों के नीचे मलबे में दब गया था। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम मौके पर पहुंची और 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को सुबह खदान में दबे मजदूर का शव बाहर निकाला गया। ग्रामीणों ने खदान हादसे में अकाल मौत का शिकार बने मजदृर युवक के परिवार को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की गई है तथा मृतक युवक के भाई की ओर से खदान मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।