कोरोना के कारण इस बार अनन्त चतुर्दशी का पर्व फीका रहा, कई मंदिरों से निकली गणेश प्रतिमाओं का सरकारी एडवायजरी का पालन करते हुए जल में विसर्जन करवाया गया। कोरोना संक्रमण के लिए जारी की गई एडवायजरी के कारण सडकों पर ना तो गुलाल उडाते भक्त दिखे, ना जुलूस का आयोजन किया गया, ना नंगाडो व ढोलों की थाप सुनाई दी ना डीजे की धुन पर नाचते-गाते भक्त ही दिखे। कोराना के कारण भगवान गजानन के विसर्जन का प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला जुलूस इस बार स्थगित रखा गया। मंदिरों व घरों में भगवान गणेश की स्थापना करने वाले भक्तों ने अपने-अपने ढंग से भगवान गजानन्द की प्रतिमाओं को ागवान गणेश के जयकारों व अगले बरस जल्दी आने की कामना करते हुए जल में विसर्जित किया। क्षेत्र में अनन्त चतुर्दशी का पर्व मंगलवार को श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। अनन्त भगवान का व्रत करने वाले व्रतीयों ने भगवान विष्णु का पूजन कर मंगल प्रार्थना की। व्रत का उद्यापन करने वाले व्रतियों ने ब्राह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा दी व आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी क्रम में सिंधी समाज बस स्टैण्ड द्वारा गोवला घाट पर गणेश प्रतिमाओं का जल में विसर्जन किया। ब्रह्म सरोवर की पाल पर स्थित श्री श्री 1008 श्री सिद्धि विनायक मनोकामना पूर्ण गणेश मंदिर पर पुजारी राजू पाण्डेता द्वारा सायंकाल भगवान की महाआरती कर ध्वज पूजन किया गया तथा स्थापित की गई प्रतिमा को भगवान गणेश के जयकारों के साथ जल में विसर्जित किया गया। श्री श्री 1008 श्री सिद्धि विनायक मनोकामना पूर्ण गणेश मंदिर पर श्री गणेश जी महाराज के मेहंदी लगाने की रस्म निभाई गई। इधर शहर भर में घरों में स्थापित की गई गणेश प्रतिमाओं को गोवला घाट पर विसर्जित किया गया।