शहर के बीचों-बीच बसे गांधीपार्क की दीवार भरभराकर गिर गई। गनीमत यह रही कि मंगलवार का अवकाश होने के चलते ना तो रोजमर्रा की तरह दीवार के पास सब्जी विक्रेता बैठे थे ना ही दीवार से सटी कियोस्क में कोई मौजूद था जिससे एक बडा हादसा टल गया। तीस से चालीस फीट लम्बी दीवार गिरने से हुए धमाके की आवाज सुनकर आस-पास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए तथा जनहानि नहीं होने पर ईश्वर का धन्यवाद जताया। आस-पास रहने वाले युसुफ व पप्पू आदि ने बताया कि पिछले कई दिनों से नमी व दरारों के कारण दीवार काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी तथा दीवार के कभी भी धवस्त होने की आशंका जताई जा रही थी। मंगलवार को सुबह दीवार का एक हिस्सा गिर भी चुका था। जिस पर आस-पास के वाशिंदो ने नगरपालिका प्रशासन को सूचित किया था। जिस पर पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि मनीष सोनी एवं जमादार राजेश ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था तथा झूलती दीवार के कभी भी गिरने से होने वाले हादसे को रोकने के लिए जेसीबी व अन्य संसाधनो के माध्यम से दीवार को गिराने का निर्णय लिया था। लेकिन सोमवार को हुई बरसात के बाद दीवार गिरने की संभावना और अधिक प्रबल हो गई थी। ज्योति मार्केट की ओर जाने वाले रोड के पास पार्क की दीवार गिरने से गांधीपार्क में आवारा मवेशियों का बेरोकटोक प्रवेश शुरू हो गया है। पालिका की ओर से क्षतिग्रस्त दीवार का मलबा हटाने का कार्य शुरू करवाया गया है तथा जल्द ही दीवार का नवीन निर्माण करवाए जाने की जानकारी दी गई है।