वर्तमान में चिकितसक को धरती का भगवान कहा जाता है वहीं उपचार की जरूरत वाले रोगियों के लिए अस्पताल राहत का केन्द्र माना जाता है। लेकिन उपखंड के सरकारी अस्पताल में लापरवाही का आलम यह है कि यहां उपचार की आस में आने वाले रोगियों को अवधिपार दवाएं वितरण कर उनकी जान से खेलने का एक रोचक मामला सामने आया है। गनीमत यह है कि पूरे मामले में अवधिपार दवा का सेवन करने वाला मरीज ने जयपुर जाकर अपना उपचार करवाया इस तरह की दवाएं दिया जाना और सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं चुस्त-दुरुस्त होने के दावों की भी पोल खोलता है । शुक्रवार को मालपुरा के सरकारी अस्पताल में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के दवा काउंटर पर एक मरीज को अवधिपार दवा दे दी गई। शिकायतकर्ता ग्यारसीलाल वर्मा ने बताया कि वह अपने पिता मोहन लाल वर्मा को एलर्जी की शिकायत होने पर डॉक्टर को दिखाने मालपुरा के स्वास्थ्य केंद्र में ले गया था। जहां डॉक्टर ने पर्चे पर दवा लिख दी। ग्यारसीलाल ने मुख्यमंत्री दवा काउंटर से दवा लेकर अपने पिता मोहन वर्मा को घर जाकर दवा दी। बाद में जब उस पर एक्सपायरी डेट देखी तो पता चला कि दवा एक्सपायर हो चुकी थी। अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही मरीजों की जान पर आए दिन भारी पड़ रही है। वैसे ही सरकारी दवाओं से मरीजों को उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिल रहा है, उस पर एक्सपायरी दवाएं देकर मरीजों की जान से खिलवाड़ की जा रहा है।
मालपुरा अस्पताल के प्रभारी अमित सक्सैना ने बताया कि इस पूरी घटना की जांच करवाई जाएगी यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।