नोटिस निरीक्षण के बाद भी लापरवाही पर चिकित्सा विभाग ने लिया एक्शन

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने लगातार निरीक्षण के बावजूद राजकीय चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की अनुपलब्धता होने पर प्रदेश के 22 चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा चिकित्सा संस्थानों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। राजकीय अस्पतालों में आवश्यक दवा सूची के तहत दवाओं की शत-प्रतिशत उपलब्धता रखने हेतु समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं, लेकिन निरीक्षण के दौरान चौथी विजिट के बाद भी 22 चिकित्सा संस्थानों में कुछ दवाओं की अनुपलब्धता पाई गई। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि अजमेर, बारां, ब्यावर, भरतपुर, भीलवाड़ा, गंगापुर सिटी, जयपुर, जालोर, जोधपुर, केकड़ी, कोटा, राजसमंद, सांचोर एवं सीकर के एक-एक चिकित्सा संस्थान तथा बाड़मेर, बीकानेर, पाली एवं सिरोही के दो-दो चिकित्सा संस्थानों में कुछ दवाओं की अनुपलब्धता पाई गई। इन संस्थानों के प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 22 मार्च तक चिकित्सा संस्थानों के 9 हजार 450 से अधिक निरीक्षण किए गए हैं। निरीक्षण के उपरांत मानव संसाधन, चिकित्सा संस्थानों के भवन एवं परिसर की स्थिति, लेबर रूम एवं वार्ड्स की स्थिति, साफ-सफाई, दवा एवं उपचार की स्थितियों में काफी सुधार हुआ है। जिन चिकित्सा संस्थानों में अपेक्षा अनुरूप सुधार नहीं हुआ है। वहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों पर आवश्यक कार्रवाई कर रहा है।

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