कौशल विकास हेतु केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा वैज्ञानिक भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन पर आठ दिवसीय (6 से 13 जून, 2023) आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर मे राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों के लिए वैज्ञानिक भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन पर तृतीय प्रशिक्षण बैच का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक एवं एचआरडी विभाग के प्रभारी डॉ. सुरेश चंद शर्मा ने बताया कि उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान राज्य के टोंक, जयपुर, नागौर, हनुमानगढ़, पाली व अलवर जिले के 26 प्रशिक्षणार्थी किसान भाग ले रहे हैं, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों के द्वारा वित्त पोषित एवं राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के लाभ लेने के लिए किसान अपनी इच्छा से संस्थान में आए है जिसमें 7 दिनों तक किसानों को व्यवसायिक भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन पर व्याख्यान एवं प्रायोगिक रूप से पशुपालन विभाग के विभिन्न विषयों के विशेष विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. रणधीर सिंह भट्ट ने प्रशिक्षणार्थी किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि अविकानगर संस्थान की शोध कार्य की वजह से ही भेड़-बकरी में मृत्यु दर पहले गांव मे 15 से 20 प्रतिशत होती थी, वह आज 5 से 8 प्रतिशत पर आ गई है और इसी प्रकार भारत में ज्यादातर भेड़ की नस्ल एक बार में एक बच्चा देती है लेकिन अविकानगर संस्थान में एक नई अविशान नस्ल का विकास करके दो से तीन बच्चे प्राप्त कर सकते है। इसी प्रकार जो भेड पहले 6 महीने में 15 किलोग्राम वजन होता था, उसका आज वैज्ञानिक पद्धति से पालन करने पर 30 किलोग्राम वजन 6 माह मे प्राप्त हो रहा है। कार्यकारी निदेशक डॉ रणधीर सिंह भट्ट ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण को अच्छे से समझने और दोनों तरफ से विस्तार से वाद-संवाद करने पर फोकस करने का निवेदन किसानो से किया। कार्यकारी निदेशक ने बताया कि हमारे संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर का सपना है, कि कृषि एवं पशुपालन से किसानों को उद्यमिता विकास से इंडस्ट्री की ओर ले जाए जाए। भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी का फायदा लेकर किसान अपने पशुपालन को इंडस्ट्री में बदलें। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. लीलाराम गुर्जर प्रभारी तकनीकी स्थानांतरण विभाग एवं डॉ अमर सिंह मीना ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। अविकानगर संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ सिद्धार्थ सारथी मिश्रा, डॉ. एफ ए खान, डॉ. राघवेंद्र सिंह, डॉ अजय कुमार, राजकुमार मुख्य वित्त एवं फाइनेंस अधिकारी, आईबी कुमार मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, भीम सिंह प्रशासनिक अधिकारी आदि द्वारा भी प्रशिक्षणार्थी किसानों को विस्तार से अपने-अपने विषय पर संबोधन दिया गया। अंत में सभी किसानों का परिचय लेते हुए उन के भी भेड-बकरी पालन के उनके अनुभव को सभी वैज्ञानिकों ने ध्यानपूर्वक सुना एवं आवश्यक सुझाव दिए। अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अमर सिंह मीणा ने यह जानकारी दी।