केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा क्षेत्र के सौ से अधिक किसानों को पशु पालन हेतु उपयोगी सामग्री का वितरण किया गया। प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, सोशल मिडिया डॉ. रमेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा क्रियान्वित का जा रही अनुसूचित जाति परियोजना के तहतु ग्राम-बीड-गनवर, सुरजपूरा-देशमी, रिण्डलिया, कचालिया. पुढ़ा देवल, जनकपुरा, गणेशपुरा नानेर, मालपुरा, फागी जयपुर, चरू व चौम गांव / कस्बा/ शहर क 100 अनुसूचित जाति के किसानों हेतु भेड़, बकरी व खरगोश पालन से अधिक आय के साधन विषय पर कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी 19-29 अगस्त, 2020 के दौरान आयोजित की गई। संगोष्ठी के उपरान्त दस-दस किसानों के समूहों में प्रत्येक किसान को पशु पालन हेतु उपयोगी सामग्री फिडिंग ट्रफ, पानी की बोतल, छाता, बाल्टी, टार्च, फोल्डर व भेड़ बकरी खरगोश पालन एवं प्रबन्धन पर संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक (प्रत्येक का एक नग) वितरित किए गए। जिससे इन किसानों की जीविका को आसान बनाने में मददगार साबित हो। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. राघवेन्द्र सिंह ने किसानों को सबोधित करते हुए बताया कि परियोजना के अन्दर दी जा रही सुविधाओं से किसानों की आमदनी बढ़ेगी जिसके परिणामस्वरूप उनकी जीवन शैली में सुधार आएगा इसी के साथ निदेशक द्वारा सामूहिक रूप से गांव के विकास करने का आह्वान किया एवं गांव की विकास समिति गठित कर सामूहिक उपयोग में लाने वाली सुविधाओं को विकसित करने का अनुरोध किया। परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ. डी.बी. शाक्यवार ने बताया कि संस्थान द्वारा गत वर्ष इस परियोजना के अन्तर्गत 200 किसानों को भेड़, बकरी व खरगोश पालन पर प्रशिक्षण दिया गया एवं भविष्य में 150 कृषकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा गांव में सामूहिक पेयजल की व्यवस्था, सोलर लाइट लगाने व फार्म पोण्ड विकसित करने हेतु सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. ए. साहू, डॉ. अरूण कुमार, डॉ. एस. आर. शर्मा, डॉ. ए. के. शिन्दे, डॉ. एस.के. सांयान, डॉ. एस.सी. शर्मा, डॉ. जी.जी. सोनावाने डॉ. पी.के. मल्लिक डॉ. विजय कुमार, श्याम सिंह, एवं मुय प्रशासनिक अधिकारी सुरेश कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन, डॉ. अजय कुमार, डॉ. एल.आर. गुर्जर, एम.सी. मीना एवं आर के माछुपूरिया द्वारा किया गया।