रीण्डलिया, पीमूण, कल्याणपुरा, धानौता, लक्ष्मीपुरा सहित अन्य छोटे राजस्व गांवो की जनता की बेहद मांग के बावजूद जनप्रतिनिधियों की ओर से आज तक डिस्पेंसरी निर्माण का कोई प्रस्ताव अथवा तकमीना तैयार नहीं किया गया। इस खास मांग को ध्यान में रखते हुए नगरपालिका की ओर से डिस्पेंसरी का खाका तैयार करते हुए निर्माण की योजना बनाई। जिसके लिए नगरपालिका की ओर से निविदा करवाकर कार्यादेश जारी कर दिए गए है। लेकिन बुधवार को सांसद व विधायक की जनसुनवाई के दौरान सांसद द्वारा डिस्पेंसरी को लेकर नगरपालिका की नीयत पर सवाल उठाए गए व नगरपालिका ईओं सीमा चौधरी को इस कार्यादेश को निरस्त किए जाने के लिए कहा गया। जनसुनवाई के दौरान पालिका में आसीन कांगे्रस बोर्ड पर लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए पालिकाध्यक्ष आशा-महावीर नामा की ओर से कांग्रेस पार्षदों की मौजूदगी में प्रैसवार्ता आयोजित की गई। प्रैसवार्ता के दौरान सांसद द्वारा डिस्पेंसरी के कार्यादेश को निरस्त किए जाने की बात पर जवाब देते हुए पालिका के वरिष्ठ पार्षद मरगूब अहमद ने कहा कि पालिका में गठित कांगे्रस बोर्ड द्वारा जनहित व आमजन की आवश्यकता को देखते हुए प्रस्ताव लेकर कार्यादेश जारी किए जाते है। मालपुरा के एक छोर पर बसी बस्तियों व छोटे राजस्व गांवो के लिए यह डिस्पेंसरी वरदान की तरह साबित होगी व लोगों को तत्काल उपचार की सुविधा मिलेगी बावजूद इसके सांसद द्वारा डिस्पेंसरी के कार्यादेश को खारिज करने की बात कहना उनके द्वारा भेदभाव को जाहिर करती है। जबकि अन्य समाजों के लिए नगरपालिका में लिए गए पचास लाख रूपयों से अधिक के कई कार्य बिना बोर्ड की स्वीकृति के स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किए जा चुके है। जिस पर सांसद महोदय ने कोई सवाल नहीं उठाया है जो उनकी भेदभाव की नीति को उजागर करता है। मरगूब अहमद ने कहा कि यदि डिस्पेंसरी के स्वीकृत कार्य को निरस्त किया जाता है तो पालिका बोर्ड को उन सभी कामों को भी निरस्त कर पुन: बोर्ड की बैठक में रखकर अनुमोदन करवाना होगा।