असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से मालपुरा एक बार फिर शर्मसार हो उठा तथा अलसायी आंखो के साथ उठने वाले शहरवासियों के कानों में अलसवेरे ही शहर में कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा सुनाई दी। जिसके बाद सम्पूर्ण शहर में सन्नाटा पसर गया । हालातों के मद्देनजर सम्पूर्ण शहर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है तथा चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनातगी से शहर पुलिस छावनी बना हुआ है। अजमेर रैंज आईजी संजीव निर्झरी, जिला कलक्टर टोंक के के शर्मा, पुलिस अधीक्षक टोंक आदर्श सिद्धू, एडीएम बीसलपुर पुनर्वास शंकर लाल सैनी, एडीएम टोंक आनन्दी लाल वैष्णव, एसडीएम अजय कुमार आर्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोवर्धन लाल सौंकरिया, पुलिस उपाधीक्षक मालपुरा जयसिंह नाथावत, थानाधिकारी दलपत सिंह सहित अन्य अधिकारी डयूटी पर तैनात रहकर लगातार शहर के हालातों पर नजर बनाए है एवं गश्त कर जायजा लेने में जुटे हुए है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को कृषि उपज मंडी समिति परिसर से नियत समय पर रवाना हुए दशहरे जुलूस के मौहल्ला सादात से होकर टोडा रोड पर पहुंचने पर मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ सदस्य इकबाल अली व अन्य लोगों द्वारा जूलूस में शामिल अन्य लोगों का दस्तारबंदी करवाकर स्वागत किया जा रहा था इसी दौरान एक गली से असामाजिक तत्वों की ओर से पथराव कर दिया गया। जिस पर सभी लोग सन्न रह गए तथा जुलूस मे अफरा-तफरी मचने लगी लेकिन इसी दौरान मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजनों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करवाया। लेकिन जुलूस के महज पचास मीटर आगे जाने के साथ ही पीछे की ओर से अकारण जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद जुलूस में भगदड मच गई । लेकिन इस दौरान जुलूस में आगे की ओर शामिल लोग लगातार चलते रहने से दशहरा मेदान तक पहुंच गए। विधायक कन्हैया लाल चौधरी ने भगदड के दौरान मामले का विरोध जताया जहां उन्हें असामाजिक तत्वों की अभद्रता का शिकार होना पडा। इसके बाद विधायक चौधरी ट्रक स्टैण्ड पहुंचकर कृष्णा टाकीज के बाहर धरने पर बैठ गए। जहां लोगों की समझाईश के बाद दशहरा मेदान पहुंचे विधायक ने सभी लोगों को घटना की जानकारी दी जिसके बाद हिंदु समुदाय में रोष फैल गया तथा मौजूद लोगों व दशहरा महोत्सव समिति सदस्यों ने रावण दहन करने से इंकार कर दिया व दोषियों की गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी। एकाएक उपजे घटनाक्रम से पुलिस, प्रशासन सकते में आ गया तथा अधिकारियों ने विधायक से समझाईश करने का प्रयास किया जो विफल रहा। विधायक कन्हैया लाल चौधरी सहित सभी लोग मौके से रवाना हो गए तथा थाने के मुख्द्वार के बाहर धरना शुरू कर दिया तथा आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक रावण दहन से इंकार कर दिया। थाने के बाहर भारी संख्या में लोग एकत्रित होकर धरने का समर्थन करने लगे। जिससे पुलिस व प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए तथा उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवाया गया। घटना के सूचना मिलते ही आस-पास के थाना क्षेत्रों सहित जिला मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस बल मालपुरा पहुंचा। जिला कलक्टर के के शर्मा व एसपी आदर्श सिद्धू तत्काल मालपुरा पहुंचे व थाना परिसर में अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। देर रात अजमेर रैंज आईजी संजीव निर्झरी भी मालपुरा पहुंचे। पुलिस व प्रशासन के आलाधिकारियों ने धरने पर बैठे विधायक चौधरी के समक्ष वार्ता का प्रस्ताव रखा लेकिन विधायक चौधरी ने अधिकारियों को धरनास्थल पर आकर जनता के सामने ही बातचीत करने की बात कही। प्रयास के बावजूद समझौता वार्ता नहीं हो सकी। इसी बीच कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी धरनास्थल पर पहुंचकर विधायक एवं लोगों से समझाईश का प्रयास किया लेकिन बैरंग लौटा दिया। इस दौरान सम्पूर्ण शहर में सभी गली-मौहल्लों एवं प्रमुख चौराहों सहित टोडारोड पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया तथा अधिकारी लगातार थाने में बैठकर ताजा परिस्थितियों पर समीक्षा करते रहे। रात को 11:30 पर जिला कलक्टर व एसपी ने वार्ता की जिसमें शामिल एडवोकेट राजकुमार जैन, नरेन्द्र जैन नीटू सहित अन्य के साथ बातचीत की गई जिसमें एसडीएम का अन्य स्थानान्तरण किए जाने व दोषियों के खिलाफ मामले दर्ज कर गिरफ्तारी किए जाने की मांग की। जिस पर सहमति बनने के बाद विधायक कन्हैया लाल, जिला कलक्टर व एसपी के मध्य एक घण्टे की वार्ता हुई तथा सभी मांगे माने जाने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किए जाने की घोषणा की गई। अधिकारियों द्वारा रावण का पुतला दहन किए जाने के मामले में विधायक ने बताया कि दशहरा महोत्सव समिति एवं रामलीला आयोजन समिति के पदाधिकारियों से चर्चा कर उनकी सहमति से रावण दहन किया जाए।