पेगासस जासूसी केस में सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक जांच और नागरिकों की निजता के हनन को लेकर राजस्थान में कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार को कांग्रेस ने सिविल लाइंस में राजभवन का घेराव कर धरना दिया।
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सिविल लाईन्स फाटक पर विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अवैध रूप से देश के संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों, कार्यपालिका, विधायिका, मीडिया एवं न्यायपालिका से संबंधित व्यक्तियों के फोन हैक कर टेप किए जा रहे है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान में लोगों को प्रदत्त निजता के अधिकार का हनन किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व प्रधानमंत्री ने देश से किसानों की आय दुगुनी करने, युवाओं को रोजगार देने, आतंकवाद समाप्त करने, भ्रष्टाचार खत्म करने तथा विदेश नीति को सुदृढ़ करने का वायदा किया था, किन्तु सत्ता पर काबिज होने के पश्चात् प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जितने भी फैसले किए वे सभी पूर्व में किए गए वायदों से भिन्न रहे।
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के तहत् निर्मित कानून स्पष्ट करते हैं कि जब तक राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होने का सवाल नहीं हो, किसी भी व्यक्ति का फोन टेप नहीं किया जा सकता, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश में नेताओं, न्यायाधीशों एवं उनके कर्मचारियों व बड़े-बड़े मीडिया घरानों पर पहरेदारी बैठायी तथा उनके फोन हैक कर टेप करने एवं उनकी निजी बातों को सुनने का कार्य किया।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जासूसी करवाकर अनैतिक कार्य किया है जिस कारण कांग्रेस कार्यकर्ता राजभवन का घेराव कर रहे है। राजभवन के घेराव के कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंत्री डॉ.बी.डी. कल्ला, डॉ. रघु शर्मा, प्रतापसिंह खाचरियावास, सुखराम बिश्नोई, भंवर सिंह भाटी, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, डॉ. सुभाष गर्ग, सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।