केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर में चल रही अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम मे संस्थान द्वारा चयनीत अनुसूचित जाति के 25 महिला एवं पुरूष बीपीएल कृषकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को भेड़-बकरीयों में प्रजनन, स्वास्थ्य, पशु पोषण, अधिक उत्पादन हेतु कृत्रिम गर्भाधान, ऊन एवं ऊन के उत्पादों की नवीन तकनीकीयों जानकारी दी गई। कार्यक्रम के समापन समारोह में अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा की वे भेड़-बकरी पालन कर अपनी आजीविका में सुधार कर सकते हैं एवं कहा कि वे संस्थान से पांच दिन में अर्जित ज्ञान को क्षेत्र के अन्य किसानों से भी साझा कर उनके भी ज्ञान में वृद्धि करें जिससे अन्य किसान भी इसका लाभ प्राप्त कर सकें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. एल.आर. गुर्जर, प्रभारी, तकनीकी स्थानान्तरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग एवं डॉ. रंगलाल मीणा, वैज्ञानिक रहेे। कार्यक्रम में गौतम चौपड़ा, डी.के. यादव एवं अन्शुल शर्मा ने भी सहयोग प्रदान किया।केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर में चल रही अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 02 से 06 दिसम्बर, 2024 के दौरान डॉ. अरूण कुमार तोमर निदेशक के निर्देशन में आयोजित किया गया। जिसका आज दिनांक 06.12.2024 को समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम मे संस्थान द्वारा चयनीत अनुसूचित जाति के 25 महिला एवं पुरूष बीपीएल कृषकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को भेड़-बकरीयों में प्रजनन, स्वास्थ्य, पशु पोषण, अधिक उत्पादन हेतु कृत्रिम गर्भाधान, ऊन एवं ऊन के उत्पादों की नवीन तकनीकीयों जानकारी दी गई। कार्यक्रम के समापन समारोह में अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा की वे भेड़-बकरी पालन कर अपनी आजीविका में सुधार कर सकते हैं एवं कहा कि वे संस्थान से पांच दिन में अर्जित ज्ञान को क्षेत्र के अन्य किसानों से भी साझा कर उनके भी ज्ञान में वृद्धि करें जिससे अन्य किसान भी इसका लाभ प्राप्त कर सकें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. एल.आर. गुर्जर, प्रभारी, तकनीकी स्थानान्तरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग एवं डॉ. रंगलाल मीणा, वैज्ञानिक रहेे। कार्यक्रम में गौतम चौपड़ा, डी.के. यादव एवं अन्शुल शर्मा ने भी सहयोग प्रदान किया।