टोल कर्मचारी अधिकारियों व सभ्यजनों से भी करते है दुव्र्यवहार, परिवार के समक्ष बेइज्जती से बेहतर समझते है टोल चुकाना
नियम-कायदों को ताक में रखकर मालपुरा के बाहर अविकानगर के पास स्थित टोल नाका अब स्थानीय नागरिकों की मुसीबत का सबब बनता जा रहा है जिसका दबे स्वर में विरोध मुखर होता जा रहा है तथा टोल मुक्ति के लिए प्रस्तावित आन्दोलन को धीरे-धीरे जनसमर्थन मिल रहा है।
मालपुरा से जयपुर के 90 किमी के सफर के लिए इस सडक मार्ग से यात्रा करने वाले वाहन चालकों को दो टोल नाकों पर शुल्क चुकाना पडता है जो आर्थिक भार के रूप में सामने है। स्थानीय नागरिकों की समस्या है कि मालपुरा से महज पांच किमी की दूरी पर स्थित अविकानगर में स्थित केन्द्रीय विद्यालय एवं सरकारी विद्यालयों में बच्चों को छोडने जाने तक के लिए अभिभावकों को टोल चुकाना पड रहा है, यहीं नहीं स्थायी रूप से तैनात नियमित रूप से सफर करने वाले सरकारी कर्मचारियों तक को वाहन से नौकरी पर पहुंचने के लिए भारी भरकम टोल राशि चुकानी पड रही है जो अब स्थानीय नागरिकों को नागवार गुजर रहा है। जयपुर-भीलवाडा टोल रोड प्राईवेट लिमिटेड के हाथों में पूर्व में टोल वसूली का प्रबंधन रहने के दौरान न्यूनतम दूरी के लिए स्थायी व नियमित रूप से टोल नाका क्रॉस करने वाले वाहन चालकों के पास की व्यवस्था को भंग कर आरएसआरडीसी के कर्मचारियों द्वारा पूरा टोल वसूलने से ऐसे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड रहा है। ऐसे लोगों द्वारा पास बनाए जाने का अनुरोध करने अथवा किसी तरह की छूट का प्रावधान मांगे जाने के बावजूद आरएसआरडीसी द्वारा टोल शुल्क में किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा रही है जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। अधिकारियों, पत्रकारों, स्कूली वाहनों अथवा नियमित वाहनों को शुल्क से माफी अथवा छूट का लाभ होने की पात्रता के बावजूद टोल कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार का शिकार होना पडता है जिसके कई मामले उजागर हो चुके है। कर्मचारियों के असभ्य व्यवहार का शिकार होने वाला वाहन चालक परिजनों के समक्ष किसी बदसलूकी अथवा झगडे से बेहत्तर टोल चुकाने को अपनी नियति मान कर शुल्क राशि अदा करने को मजबूर है। जबकि अन्य टोल नाकों पर लगभग 10 किमी परिधि के स्थानीय नागरिकों को टोल नहीं चुकाने की जानकारी सामने आ रही है इसके विपरीत मालपुरा में यह वूसली लगातार जारी है। सत्ता पक्ष व विपक्ष में रहने के बावजूद स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इस समस्या से त्रस्त स्थानीय लोगों को राहत प्रदान करने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है जिससे आज भी इस राह से सफर करने वाले लोगों को अपनी जेब भारी भरकम टोल राशि चुका कर कटानी पड रही है। आगामी दिनों में टोलमुक्ति के लिए आन्दोलन की सुगबुगाहट को आमजन का भरपूर समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है तथा सौश्यल मीडिया पर लोगों के सुझाव आ रहे है तथा इसके खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने पर सहमति बनती दिखाई दे रही है।