नगरपालिका में पार्षदों की अनदेखी का मामला अब इस कदर तूल पकड चुका है कि अब ईओं व पार्षदों के बीच परस्पर मामले दर्ज करवाने तक की नौबत आ पहुंची है। नगरपालिका में हाल ही में पदस्थापित हुए अनिल कुमार झिंगोनिया ने बुधवार को पुलिस थाने पहुंचकर पालिकाध्यक्ष पति मनीष सोनी सहित तीन अन्य पार्षद युधिष्ठर सिंधी, महेन्द्र सिंह गंवारिया तथा अतीक हसन के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाया तो वहीं पार्षद भी लामबंद होकर आगामी रणनीति बनाने में जुट गए है। इससे पूर्व मंगलवार की शाम को भी नगरपालिका में ईओं के कक्ष से पार्षदों को बाहर निकालने के मामले में पार्षदों व ईओं के बीच हॉट टाक हुई जिसके बाद पार्षदों ने एकत्रित होकर एसडीएम राम कुंवार वर्मा के आवास पहुंचकर सारे मामले से अवगत करवाया तथा ईओं जैसे जिम्मेदार पद पर आसीन अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ दुव्र्यवहार किए जाने की शिकायत की। पार्षदों ने एसडीएम को अवगत करवाया कि ईओं द्वारा पार्षदों का लगातार अपमान किया जा रहा है तथा जबरन जनप्रतिनिधियों को टारगेट किया जा रहा है जिसका असर राज्य सरकार के महत्वपूर्ण अभियान प्रशासन शहरों के संग पर भी पड रहा है तथा अभियान की सफलता पर सवालिया निशान खडे हो गए है। पार्षदों का आरोप था कि ईओं जनप्रतिनिधियों से बदतमीजी करने के साथ-साथ कार्यालय से महत्वपूर्ण फाईले अपने साथ ले जा रहे है जो नियमानुसार गलत है। जनप्रतिनिधियों का कार्य जनता की आवाज को उठाना तथा जनसमस्याओं का त्वरित समाधान करवाना है जिसके लिए उनको ईओं व अन्य कर्मचारियों ने बार-बार मिलना पडता है लेकिन ईओं अपनी हठधर्मिता से पार्षदों से भेदभाव कर रहे है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व नगरपालिका में पार्षदों की ओर से ईओं के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर स्वायत्त शासन विभाग को भेजा जा चुका है।
ईओं और विवादों का चोली दामन का साथ-
नगरपालिका मालपुरा के ईओं पद पर पदस्थापित ईओं अनिल कुमार झिंगोनिया का विवादों से पुराना नाता है ईओं के पूर्व में अंता, कपासन नगरपालिकाओं में पदस्थापित रहने के दौरान वे काफी सुर्खियों में रहे है जिनमें गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के मामले भी शामिल है हालांकि उन मामलों का मालपुरा नगरपालिका से कोई लेना देना नहीं है लेकिन मालपुरा नगरपालिका में पदस्थापित होने के बाद ईओं अपनी कार्यशैली के चलते एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए है।
पार्षदों व ईओं के बीच चल रहे मनमुटाव का अंत कहां जाकर होगा यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन पार्षदों व ईओं के बीच चल रहे टकराव के बाद राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान में काम की आस लगाए बैठी जनता को जरूर निराशा होगी।
इनका कहना है कि-
नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी अनिल कुमार झिंगोनिया द्वारा थाने में उपस्थित होकर परिवाद दिया गया है जिसके बाद चार व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 व 506 के तहत राजकार्य में बाधा एवं अपशब्दों के प्रयोग का मामला दर्ज किया गया है जिसका अनुसंधान जारी है, मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी-कैलाश विश्रोई, थानाधिकारी मालपुरा
राज्य सरकार के महत्वपूर्ण अभियान प्रशासन शहरों के संग के तैयारी शिविरों की अनदेखी के साथ-साथ पार्षदों से अभद्रता की शिकायते मिल रही है, पार्षदों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, आज तक कई बार आपसी गतिरोध के बावजूद ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है पालिकाध्यक्ष होने के नाते मैं इसकी निंदा करती हूं तथा ईओं साहब से पद के अनुरूप गरिमामय आचरण करने एवं जनप्रतिनिधियों का मान-सम्मान रखने की अपेक्षा रखती हूं-सोनिया मनीष सोनी, नगरपालिका अध्यक्षा, मालपुरा
कार्यालय समय सीमा समाप्त हो जाने के बावजूद पार्षद नगरपालिका में जमे रहते है, कार्यरत कर्मचारियों की सीटों पर बैठकर अनावश्यक दखलंदाजी करते है, कार्यो के लिए दबाव बनाते है जिसकी जानकारी होने पर मालपुरा थाने में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है-अनिल कुमार झिंगोनिया, अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका मालपुरा
ईओं व जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की स्थिति ठीक नहीं है तथा आपसी मामलों को थाने तक ले जाना अनुचित है, एक ओर राज्य सरकार द्वारा आमजन को राहत प्रदान करने के लिए प्रशासन शहरों के संग जैसा महत्वपूर्ण अभियान चलाया जा रहा है वहीं ऐसी स्थितियां गलत है, राज्य सरकार की ओर से मनोनीत पार्षद के रूप में ईओं व पार्षदों से इस गतिरोध को दूर कर पालिका में सौहाद्र्रपूर्ण व्यवहार किए जाने की उम्मीद रखता हूं। मरगूब अहमद, मनोनीत पार्षद नगरपालिका मालपुरा