प्राचीन ज्ञान को आधुनिक दृष्टि से जोड़ते हुए युवा ‘विकसित भारत’ के सहभागी बनें—राज्यपाल

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By combining ancient knowledge with modern vision, youth should become a part of 'Developed India'- Governor
By combining ancient knowledge with modern vision, youth should become a part of 'Developed India'- Governor
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान—विज्ञान में श्रेष्ठ रहा है। हमारे वैदिक ग्रंथों में गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त बहुत पहले ही बता दिया गया था। प्राचीन काल में ही वायुयान तकनीक के बारे में भी महर्षि भारद्वाज ने अपने ग्रंथ में लिख दिया था। उन्होंने कहा कि वैदिक काल के लोग खगोल विज्ञान का अच्छा ज्ञान रखते थे। वैदिक भारतीयों को 27 नक्षत्रों का ज्ञान था। वे वर्ष, महीनों और दिनों के रूप में समय के विभाजन से परिचित थे। श्री बागडे ने कहा कि कणाद ऋषि ने छठी शताब्दी ईसा पूर्व ही इस बात को सिद्ध कर दिया था कि विश्व का हर पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बना है। उन्होंने परमाणुओं की संरचना, प्रवृत्ति तथा प्रकारों की चर्चा की है। उन्होंने भारतीय ज्ञान की चर्चा करते हुए कहा कि जो कुछ वेदों में और प्राचीन ग्रंथों में लिखा था, उसे ही बाद में यूरोपीय लोगों ने अपना बनाकर पेश किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन ज्ञान को आधुनिक दृष्टि से जोड़ते हुए युवा ‘विकसित भारत’ के निर्माण के सहभागी बनें। राज्यपाल ने आरंभ में राष्ट्रीय स्तरीय हैकाथॉन के विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को पुरस्कार दिए। उन्होंने कहा कि आजादी के शताब्दी वर्ष पर भारत सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ बने, इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करें। ऐसे आयोजन इस दिशा में सार्थक कदम है।

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