राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के उत्सव प्रागंण में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम में दूसरे दिन मंगलवार को तीर्थंकर बालक का जन्म कल्याण महोत्सव बडी ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शाही लवाजमें के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें हजारों जैन धर्मावलबियों का सैलाब उमडा तथा शहर में हर ओर णमोकार मंत्र सहित सत्य ओर अहिंसा के पक्षधर जैन समाज की जय-जयकार सुनाई दी। आचार्य इन्द्रनन्दी महाराज के सान्निध्य में सकल दिगबर जैन समाज व अग्रवाल दिगबर जैन समाज मालपुरा के तत्वावधान में जयपुर रोड स्थित पाण्डुक शिला मन्दिर में श्री शान्तिनाथ जिनबिब एवं भव्य मानस्तंभ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव व विश्व शांति महायज्ञ में मंगलवार को तीर्थंकर बालक का जन्म होने का उत्सव जन्मकल्याणक के रूप में मनाया गया। विद्यालय के उत्सव प्रागंण में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिष्ठाचार्य पं. सुधीर मार्तण्ड केसरियाजी, सह-प्रतिष्ठाचार्य पं. मनोज शास्त्री बगरोही मध्यप्रदेश द्वारा द्वारा मंगलवार की सुबह पात्र शुद्धि, जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमह पूजन, राजमहल में महाराजा विश्वसेन पुत्र रत्न जन्म के समाचार की प्रतिक्षा, तीर्थंकर बालक का जन्म की जैसे ही घोषणा की गई। सपूर्ण पाण्डाल भगवान के जन्म के जयकारों के साथ गुंजायमान हो गया। भगवान के जन्म कल्याणक महोत्सव पर पाण्डुक शिला मन्दिर से शाही लवाजमे के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में सौधर्म इन्द्र बने पदमचन्द-निर्मला देवी ने तीर्थंकर बालक को ऐरावत हाथी पर सवार कर नगर की परिक्रमा करवाने का सौभाग्य प्राप्त किया। शोभायात्रा में ऊंट, घोडे, हाथी, सफेद अश्वों की बग्गियों के साथ महिला मंडल की सदस्याओं द्वारा एक तरह के परिधान में अपनी अनुपम छटा बिखेरते हुए चल रही थी तो वहीं नवयुवक मंडल के सदस्यों ने सफेद कपडों के साथ-साथ अपने सिर पर पगडी बांध रखी थी जो नृत्य करते हुए आगे-आगे चल रहे थे।