सदरपुरा रोड स्थित स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल में मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मजयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्य सुभाष कुम्भज ने शिवाजी महाराज के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन कर किया। विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्य कुम्भज ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिवाजी महाराज को मराठा शासकों में सबसे महान माना जाता है। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी-महाराष्ट्र के किले में हुआ। उनके पिता शाहजीराजे भौंसले बीजापुर साम्राज्य के प्रमुख थे तो वहीं उनकी माता जीजाबाई देशभक्त धार्मिक विचारों से ओतप्रोत महिला थी। जीजाबाई की बदौलत ही शिवाजी को एक वीर, कुशल और निर्भीक प्रशासक बनने में मदद मिली थी, उनकी मां ने बचपन से ही उनके अंदर राष्ट्रभक्ति और नैतिक चरित्र के ऐसे बीज बो दिए थे, जिसकी वजह से शिवाजी अपने जीवन के उद्देश्यों को हासिल करने में सफल होते चले गए और कई दिग्गज मुगल निजामों को पराजित कर मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके अलावा अपनी माता जीजाबाई से हिन्दू धर्म के महाकाव्य रामायण और महाभारत की कहानियां सुनकर ही शिवाजी के अंदर मर्यादा, धैर्य और धर्मनिष्ठा जैसे गुणों का अच्छे से विकास हुआ था। जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की रक्षा करने और देश में मराठा साम्राज्य की स्थापना करने में समर्पित कर दिया था। वे एक ऐसे योद्दा थे जिन्होंने भारतीय जनता को मुगल शासकों के अत्याचारों से मुक्त करवाया था, उन्होनें मुगल शासकों का साहसपूर्वक सामना कर मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। भारत भूमि शिवाजी जैसे महान योद्दाओं के जन्म से गौरान्वित हुई है। शिवाजी महाराज अपने सैन्य और प्रशासनिक कौशल और गुरिल्ला युद्ध की रणनीति के लिए जाने जाते है। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति गीत, कविता प्रस्तुत किए गए तथा शिवाजी महाराज के जीवन से प्रेरणा लेेने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का संचालन अरविन्द त्रिपाठी द्वारा किया गया।