रोशनी में नहाया शहर, एक-दूसरे को गले लगाकर दीपमालिका पर्व की शुभकामनाएं दी

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मुख्यालय सहित सम्पूर्ण तहसील क्षैत्र में पांच दिवसीय दीपोत्सव का आगाज धन तेरस से हुआ जो भैया दूज तक चला एवं इस दौरान परम्परा के अनुसार बुधवार को दीपोत्सव के दिन धन की देवी महालक्ष्मी व अक्षुण्यता के देव कुबेर की पूजा अर्चना हुई, गुरूवार को गोवर्धन पूजा सहित कल्याण धणी डिग्गी, चारभुजानाथ, बारादरी बालाजी, मदन मोहन जी महाराज व लक्ष्मीनाथ जी मंदिरों सहित सभी मन्दिरों में अन्नकूूट महोत्सव मनाया गया तथा भगवान को भोग लगाया गया। सांयकाल में ग्रामीण क्षैत्रो में बेलों की पूजा हुई तथा शुक्रवार को बहिनों ने भैया दूज के अवसर पर परम्परानुसार पूजा अर्चना कर भाईयों की सुख-समृद्धि की कामना की। क्षैत्र में दीपोत्सव का पर्व हर्षोल्लास, शान्ति पूर्ण तरीके व परम्परा निर्वहन के साथ पूर्ण हुआ जिसमें बुधवार को लक्ष्मी पूजन के दिन लोगों ने आवश्यक खरीददारी में व्यतीत करने के बाद सायंकाल में अपने परिवार के सभी सदस्यो के साथ धन व यश की देवी महालक्ष्मी व कुुबेर की पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना की व महाआरती कर बुजुर्गो केे पैर छू कर आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रदोषकाल में पूजन का विशेष महत्व होने के कारण भक्तों का रूझान इसी बेला में पूजन करने पर जोर रहा। इस दिन मुख्यालय सहित सम्पूर्ण तहसील के सभी बड़े गांवो के बाजारों को विद्युतीय उपकरणों से आकर्षक तरीके से सजाकर रंगीन रोशनी से नहलाया गया था जिसे निहारने के लिए लोग अपने अपने-अपने घरो से निकले वहीं युवाओं ने पटाखे आदि चलाकर पर्व का आनन्द लिया। गुरूवार को महिलाओं ने नए परिधान पहन कर सामूहिक रूप से प्राचीन परम्परा के अनुसार गोवर्धन की पूजा की एवं दिन भर रामा शामा का दौर चला जिसमें लोग अपने रिश्तेदारो, मिलने वालो व मित्रो के घरो पर पहुंच एक दूसरे को दीपावली की शुभाकामना दी और मिठाई खाने खिलाने व राम-राम सा का दौर भी जारी रहा। शुक्रवार को बहिनो ने भाई दूज की परम्परा गत तरीके से पूजा करने के बाद अपने भाई के तिलक लगाकर लम्बी उम्र की कामना के साथ सुख समृद्धि की कामना की।

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