मेले के बाद डिग्गी आने वाले दर्शनार्थी कल्याण भरोसे, पंचायत प्रशासन नहीं दे रहे ध्यान

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विश्वप्रसिद्ध तीर्थनगरी डिग्गी में हाल ही में सपन्न हुए लक्खी मेले के बाद से पंचायत प्रशासन, उपखंड प्रशासन की लापरवाही के चलते भारी अव्यवस्थाओं का आलम है। जगह-जगह गंदगी व कचरे के ढेर लगे है, बारिश के चलते कचरे के ढेरों से बदबू व सडांध का वातावरण है तथा नालों एवं नालियों की सफाई नहीं होने से गंदा पानी सडकों एवं रास्तों पर फैला हुआ है। जिसके कारण जहां बाहर से आने वाले पदयात्रियों के मन में तीर्थस्थल के प्रति नकारात्मकता के भाव जाग्रत हो रहे है वहीं तीर्थ स्थल की बदनामी हो रही है। खास बात यह है कि स्वछ भारत मिशन की दुहाई देने वाले किसी भी विभाग व अधिकारी को तीर्थनगरी में फैली गंदगी दिखाई नहीं दे रही है तथा खुलेआम अभियान की धज्जियां उडती दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि लक्खी मेले में उमडे लाखों पदयात्रियों के दर्शनोपरांत डिग्गी कस्बे सहित आस-पास के इलाके में कई प्रकार की गंदगी फैल गई थी लेकिन बावजूद इसके मेले के बाद ना तो पंचायत प्रशासन और ना ही उपखंड प्रशासन की ओर से गंदगी के निस्तारण को लेकर कोई कदम उठाया गया। जबकि पंचायत प्रशासन एवं उपखंड प्रशासन को इस बात की जानकारी है कि श्रावण मास के साथ भाद्रपद मास में भी पदयात्राओं के प्रतिदिन डिग्गी पहुंचने का क्रम अनवरत बना रहता है। रविवार को अवकाश का संयोग होने तथा एक साथ तीस से अधिक स्थानों से एक साथ पैदल यात्राओं के डिग्गी पहुंचने से एक बार फिर तीर्थ नगरी में मेले का सा नजारा दिखाई दिया। लेकिन धौली दरवाजे से कनक दण्डवत लगाने वाले पदयात्रियों को कीचड एवं कचरे के बीच से कनक दण्डवत करते हुए मंदिर तक पहुंचना पडा जिसे देखकर अन्य दर्शनार्थियों में रोष व्याप्त हो गया तथा उन्होंने स्थानीय प्रशासन, मंदिर ट्रस्ट व उपखंड प्रशासन की घोर लापरवाही पर आश्चर्य जताया । दर्शनार्थियों को हो रही असुविधा को देखकर अन्य पदयात्रियों के मुख से बरबस ही निकल पडा कि अब डिग्गी में कल्याण के भक्त श्रीजी के भरोसे पर है।

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