मुख्यालय पर स्थित जलदाय विभाग में सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का की कहावत को चरितार्थ करते हुए चार से एईएन के पद पर जमे बैठे एक अधीनस्थ अधिकारी ने ना केवल अपने उच्चाधिकारी पर काम की बिना जांच किए बिल पास करने का दबाव बनाया बल्कि बिल पास नहीं करने की दशा में देख लेने की धमकी तक दे डाली। जिसके बाद भयग्रस्त एक्सईएन ने विभागीय अधिकारियों से मामले की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की। एक्सईएन राजीव सिंघल ने बताया कि जलदाय विभाग में मैसर्स खण्डेलवाल बोरवेल्स चित्तोडगढ़ द्वारा उपखंड क्षेत्र में वेधन किए गए हैण्डपम्प का आर ए बिल 2 एक्सईएन कार्यालय में 25 अक्टूबर को सांय 5 बजे प्रस्तुत किया गया। सहायक अभियंता कोमल सिंह सिनसिनवार द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेते हुए खण्डीय स्टाफ पर दबाव बनाया तथा उक्त कार्यालय के लिपिक द्वारा बिल नोटशीट एवं ट्रेजरी को भेजे गए बिल की प्रति हस्ताक्षरार्थ मेरे समक्ष प्रस्तुत की गई। एक्सईएन सिंघल ने बताया कि चूंकि कार्य की साईट पर निरीक्षण नहीं करवाया गया था। इसलिए साईट पर निरीक्षण के उपरान्त ही मैंने बिल पारित करने को कहा। इससे नाराज होकर 26 अक्टूबर को एईएन कोमल सिंह सिनसिनवार द्वारा दोपहर 2 बजे मेरे मोबाईल पर धमकी देकर देख लेने की धमकी दी। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि एईएन द्वारा ठेकेदारों से मिलीभगत कर उनके बिलों में अत्यधिक रूचि लेकर कार्यालय की कार्य प्रणाली को बाधित किया जा रहा है एवं उच्चाधिकारियों को धमका कर काम लेना चाहता है। एक्सईएन सिंघल ने अधीक्षक अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वृत्त टोंक को पत्र प्रेषित कर एईएन कोमल सिंह के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है।