रवियोग सहित अन्य दुर्लभ संयोगों में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को अंजनी पुत्र भगवान हनुमान का जन्मोत्सव शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहरभर के हनुमान मंदिरों में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ के साथ ही भजन संध्या व जागरण आयोजित किए गए। मध्यरात्रि में हनुमान मंदिरों में दुग्धाभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवा कर मनमोहक श्रृंगार किया गया. श्रद्धालुओं ने केसरीनंदन के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की. इसके बाद जन्म आरती की गई. जन्मोत्सव पर हनुमान मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया। सभी मंदिरों व देवालयों में विद्युतीय उपकरणों से विशेष सजावट की गई। शनिवार को सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना का क्रम शुरू हो गया तथा बालाजी महाराज का अभिषेक कर चतराम किया गया तथा विशेष पोशाक धारण करवाई गई। मंदिरों में विद्वान पण्डितजनों द्वारा वेदिक मन्त्रोच्चार के बीच पूरे विधि-विधान से विशेष पूजा की गई तथा अखण्ड रामायण पठन, सामूहिक हनुमान चालीसा व सुंदरकाण्ड के पाठ आयोजित किए गए। मंदिरों में हनुमान जन्मोत्सव को लेकर की गई विशेष तैयारियों के चलते कई स्थानों पर हवन, यज्ञ आदि आयोजित हुए तथा विश्व कल्याण की मंगलकामना के साथ आहुतियां दी गई। कई धर्मप्रेमियों को यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जहां जोडे सहित आहुतियां दी गई। इसी क्रम में दोपहर में मंदिरों में महिला मण्डल की ओर से सतसंग किया गया तथा बालाजी को प्रसन्न करने के लिए मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। भावना व भक्ति रंग में डूबी महिलाओं ने भाव-विभोर होकर जमकर नृत्य किया। बालाजी महाराज का अदभुत श्रंगार कर नयनाभिराम झांकिया सजाई गई। कई स्थानों पर फूलबंगला झांकिया तो कहीं छप्पनभोग की झांकिया सजाई गई। सायंकाल में महाआरती कर प्रसाद वितरित किया गया व पंगत प्रसादी व भण्डारों का आयोजन किया गया। बालाजी महाराज के दर्शनों के लिए सुबह से ही कतारों में लगे भक्तों में खासा उत्साह दिखाई दिया जो सायंकाल तक अनवरत जारी रहा। श्री बारादरी बालाजी विकास समिति के तत्वाधान में बारादरी बालाजी मंदिर में बालाजी महाराज व रामदरबार की आकर्षक झांकी सजाई गई तथा छप्पनभोग का भोग लगाया गया। ‘संकट मिटे कटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलबीरा’ मन में भाव लिए हनुमान जन्मोत्सव पर श्रद्धालु मंदिरों में पवन पुत्र संकटमोचन हनुमान जी के दर्शनों को उमड पड़े। इस दौरान मंदिरों में अभिषेक, शृंगार झांकी, सुन्दरकाण्ड पाठ, भजन-संकीर्तन सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम हुए। हनुमान जयंती पर भक्तों का तांता लगा रहा. इस अवसर पर सुबह मंत्रोच्चार के साथ भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद सिंदूर का चोला चढ़ाकर फूलों से नयनाभिराम शृंगार किया गया। मंदिरों को फूल, मालाओं, बांदरवारों और गुब्बारों से सजाया गया. इस अवसर पर मंदिर के बाहर शहनाई, नगाडा वादन व बैण्ड वादन भी किया गया. इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर चित्रा नक्षत्र और रवियोग का विशेष संयोग रहा. अलसुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता दर्शनों के लिए नजर आया. इस दौरान सिंदूरी चोला भी धारण करवाया गया।