चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्मिकों का प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (सीफू) में अधिक से अधिक प्रशिक्षण करवाए जाएं ताकि आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
स्वास्थ्य मंत्री गुरुवार को सचिवालय में सीफू की गवर्निंग बोर्ड की 18वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा गत वर्ष 2739 बैचेज में 70 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने वर्ष भर की कार्ययोजना बनाकर 1 लाख लोगों को प्रतिवर्ष प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि संस्थान को ऑफलाइन प्रशिक्षण के साथ ऑनलाइन प्रशिक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता से पहले उन कार्मिकों का प्रशिक्षित किया जाए जिन के अभाव में मशीनों का संचालन नहीं हो पाता। उन्होंने संस्थान के आधारभूत ढांचे को भी मजबूत करने पर जोर दिया।
बैठक में बताया गया कि सीफू में 10 करोड़ रूपए की लागत का ऑडिटोरियम बनाने के लिए एस्टीमेट दिया हुआ है और अनुमोदन के बाद परिसर में 352 लोगों की क्षमता युक्त ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। साथ ही एक ट्रेनिंग हॉल, 16 हॉस्टल रूम भी बनाए जाएंगे। बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों पर भी निर्णय लिया गया।
इससे पहले सीफू निदेशक डॉ आरपी डोरिया ने बताया कि सीफू में न केवल चिकित्सा विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है बल्कि जिलों में चल रही परियोजनाओं की मॉनिटरिंग भी की जाती है। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा डॉक्यूमेंटेशन का कार्य व रिसर्च भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि हाल ही संस्थान द्वारा पीसीपीएनडीटी से जुड़ी जीआईएस मैपिंग का कार्य भी सीफू द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान भी संस्थान द्वारा स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई।
बैठक में चिकित्सा सचिव आशुतोष पेडणेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी, आईईसी निदेशक सुनील शर्मा, आईआईएचएमआर अध्यक्ष पीआर सोडाणी, एचसीएम रीपा के अतिरिक्त निदेशक टीकम चंद बोहरा, बोर्ड के सदस्य और सीफू के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।