पालिका में संविदाकर्मियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा गौरखधंधा

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In the municipality, there is a ruckus going on with the connivance of the contract workers and employees.
In the municipality, there is a ruckus going on with the connivance of the contract workers and employees.

नगरपालिका मालपुरा में ईओं की उदासीनता से संविदाकार्मिकों व कर्मचारियों की पौ-बारह हो रही है तथा आपसी मिलीभगत से नागरिकों को परेशान करने का गौरखधंधा चल रहा है। संविदाकार्मिक व कर्मचारी मिलकर एक संगठित गिरोह के रूप में कार्य कर रहे है। नगरपालिका में आवेदन करने वाले नागरिकों द्वारा आवेदन करने के साथ ही यह लोग सक्रिय हो जाते है तथा पूरे काम को अपने हाथों में लेकर काम पूरा करवाने तक की गारंटी तक ले लेते है। हालत यह हो चली है कि नगरपालिका की ओर से अखबार में प्रकाशित करवाई जाने वाली आपत्ति सूचना को ऐसे समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया जाता है जिसका शहर में कोई अस्तित्व ही नहीं है। ना तो यह अखबार शहर में वितरित ही होते है ना ही इन्हें किसी पोर्टल पर देखा जा सकता है। ऐसे में नागरिकों को ना तो इन आपत्तियों के प्रकाशन की कोई सूचना मिल पाती है ना ही देखने व पढने को मिलती है। जिससे नागरिक परेशान है कि आखिर उन्हें जिसके खिलाफ आपत्ति हो तो वे कहां जाए। पिछले दो सालों से नगरपालिका में अब तक जारी होने वाली इन आपत्तियों को समाचार पत्र विशेष में निकालने की एक परम्परा चल पडी है जो अब तक जारी है। जानकारी किए जाने पर सामने आया है कि संगठित गिरोह के सदस्यों में से किसी के रक्त सम्बन्धी के पास इन समाचार पत्रों की ऐजेंसी से लेकर कथित पत्रकारिता का काम है। आमतौर पर आपत्तियों का प्रकाशन जिसके हक में आपत्ति होती है उसका होता है कि वो प्रसार संख्या के आधार पर उन समाचार पत्रों में इसका प्रकाशन करवाए जो शहर में बंटते हो व पढने में आते हो ताकि किसी को आपत्ति होने पर वह व्यक्ति इसके खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज करवा सके। लेकिन यहां इससे उलट गौरखधंधा चल रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक उपभोक्ता ने बताया कि ना केवल संविदाकर्मी बल्कि कर्मचारी भी इस खेल में शामिल है। सस्ती दरों पर आपत्तियों का प्रकाशन कर मोटे दाम वसूले जाते है जिसमें सभी भागीदारों की हिस्सेदारी हो जाती है। आपत्ति देने वाले व्यक्ति को ना तो इनका बिल ही मिलता है ना ही उसे इस हीकत का पता चल पाता है कि उससे वसूले गए पैसों में से वास्तविकता में कितना खर्च हुआ है। काम करवाने आने वाला व्यक्ति इस लालच से भी चुप्पी साधे रहता है कि उसका काम उन्हीं लोगों द्वारा सम्पादित होना है ऐसे में उसका विरोध या उनकी बात नहीं मानना उसे भारी भी पड सकता है। बुधवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें वार्ड 10 निवासी मोहम्मद सादिक पुत्र इब्राहिम अलग-अलग समाचार पत्रों के कार्यालयों में चक्कर लगाने के बाद नवज्योति कार्यालय पहुंचा। जहां उसने बताया कि वह नगरपालिका के चक्कर लगा कर थक चुका है उसके पडौसी द्वारा नगरपालिका में पट्टे के लिए आवेदन किया गया है जिस पर उसे आपत्ति है लेकिन पालिका में कोई भी कर्मचारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर अथवा संविदाकार्मिक उसे इस बारे में जानकारी नहीं दे रहा है। उसे पता तक नहीं चल पा रहा है कि आखिर किस समाचार पत्र में आपत्ति का प्रकाशन किया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि नगरपालिका में अजीब गौरखधंधा चल रहा है सबके सब मिले हुए है तथा आमजन को परेशान किया जा रहा है।

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