आपसी सौहार्द्र व भाईचारे के विकास के लिए जरूरी है कि दोनों समुदाय एक दूसरे की खुशियों में शरीक हो। यह विचार एसडीएम अजय कुमार आर्य ने थाने में आयोजित सीएलजी एवं एकता मंच की संयुक्त बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसी भी मजहब में बैर भाव के लिए कोई जगह नहीं है, आदमी इस दुनिया में मुसाफिर की तरह होता है ऐसे में आपस में प्यार मोहब्बत से रहने की जरूरत है। आर्य ने कहा कि शहर की गौरवशाली परम्परा रही है तथा दोनों ही समुदायों की ओर से एक-दूसरे के त्यौंहारों पर स्वागत व सम्मान की व्यवस्था रही है। जिसे एक बार फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोवर्धन लाल सुंकरिया ने कहा कि शहर में साम्प्रदायिक सौहार्द्र कायम रखना हर नागरिक का दायित्व है तथा एकता मंच की विशेष भूमिका इसमें निरंतर सफलता की ओर है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार नागरिक को समझना होगा की आपसी झगडे से कि सी का भला नहीं हो सकता है। हमें एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए। पुलिस उपाधीक्षक राजेश मलिक ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए दशहरे के जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने में सहयोग प्रदान करना है। बैठक में वरिष्ठ सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को सूचीबद्ध किया गया वहीं एएसपी ने प्रमुख चौराहों पर एकता मंच के सदस्यों की ओर से व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किए जाने के लिए सूची पढकर सुनाई गई। बैठक में एडवोकेट रवि कुमार जैन, परशुराम चौधरी, गोविन्द विजय, मदनलाल, शेरसिंह, चन्द्रकांत शर्मा, अभिषेक पाराशर, सत्यनारायण विजयवर्गीय, इकबाल दादा, मास्टर मोहम्मद हनीफ, कादिर अली, इस्माईल, मारूफ सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।