Raksha Bandhan 2021 – 474 साल बाद आ रहा है रक्षाबंधन पर ऐसा अद्भुत संयोग, बंधेगी राखी गजकेसरी योग

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474 साल बाद आ रहा है रक्षाबंधन पर ऐसा अद्भुत संयोग
474 साल बाद आ रहा है रक्षाबंधन पर ऐसा अद्भुत संयोग

इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार 22 अगस्त रविवार को 7 नक्षत्र में मनाया जाएगा। लेकिन इस वर्ष यह त्यौहार सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ में जाएगा। जो रक्षाबंधन के शोभन योग को भी खास बनाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार सालों बाद एक माह सहयोग बना रहा है जो राजयोग लेकर आया है तथा रक्षाबंधन के त्योहार में इस बार राखी पर भद्रा का साया भी नहीं रहेगा जिसके कारण बहन पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेगी।

क्या है गजकेसरी योग और इसके फायदे

• कुंडली में और गुरु केंद्र मैं एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हो तो गजकेसरी योग बनाते हैं। यह योग लोगों को भाग्यशाली बनाता है। और व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है धन-संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है गजकेसरी योग राजसी सुख और समाज में मान सम्मान प्राप्त कर आता है और व्यक्ति के जो काम रूके होते हैं वह भी पूरे हो जाते हैं। विशेष यह योग भाई बहनों के बंधन को और मजबूत करता है। और उनके जीवन में खुशियां भरता है। और गजकेसरी योग जिस कुंडली में होता है उस व्यक्ति को कभी धन का कमी नहीं होती है।

• कुंभ राशि वालों के इस योग के दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और इसके साथ चंद्रमा भी मौजूद रहेगा जिससे गुरु और चंद्रमा की इस युति से गजकेसरी योग बन रहा है। जो भाई-बहन के बंधन को और भी मजबूत करता है और इन्हें रुके हुए काम में सफलता दिलाता है।

• रक्षा बंधन पर सिंह राशि के स्वामी सूर्य, मंगल तथा बुध ग्रह एक साथ उपस्थित होंगे। और उस ही राशि में विराजमान होगे । सिंह राशि का गुरु सूर्य है। इस राशि के साथी मंगल भी उनका साथ देगे। जबकि शुक्र कन्या राशि में होगा। ग्रहों का ऐसा साथ बहुत शुभ और लाभदायक रहने वाला है। साथ ही धन और धान्य से पूर्ण रहेगा।

•ज्योतिषविदों का कहना है कि रक्षा बंधन पर ग्रहों का ऐसा योग लगभग 474 साल बाद बनता है। इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रह एक साथ आए थे। और ऐसी स्थिति पहली बार बनी थी जब सभी नक्षत्रों के रक्षा बंधन मनाया गया था और सूर्य, मंगल और बुध एकसाथ ऐसी स्थिति में आए थे। उस समय शुक्र, बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन के साथ विराजमान थे। जबकि इस योग में शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या में विराजमान रहेंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि रक्षा बंधन पर ऐसा योग अति ही लाभकारी और भाई-बहन के लिए कल्याणकारी रहेगा। जबकि खरीदारी के लिए राजयोग भी बेहद शुभ माना जाता है।

गज केसरी योग से किसे नहीं होगा लाभ:- अगर कुंडरी में बृहस्पति या चंद्रमा कमजोर हो तो इस योग का लाभ नहीं मिल पाता है। जिससे व्यक्ति को अपने कारोबार में नुकसान सहना पड़ता है और वह किसी भी नए काम में हाथ डालता है तो उसे वहां से असफलता ही मिलती है।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त- रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी। आप सुबह 5 बज कर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 3 मिनट तक किसी भी वक्त रक्षा बंधन मना सकते हैं। वहीं, भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट बजे तक रहेगा।
इस दिन शोभन योग सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक रहेगा और धनिष्ठा नक्षत्र शाम 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। ऐसा कहते हैं कि खास नक्षत्र में पैदा होने वाला ये योग भाई-बहन के रिश्ता को बहुत खास बनाता है और इसीलिए रक्षा बंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र को खास माना जा रहा है।

साँवलिया ज्योतिष संस्थान
आचार्य प,राजेश शास्त्री
9413618769
9588826624

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