राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) गरीब और जरूरतमंद बीमार बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। आरबीएसके की टीम जिले में गंभीर रूप से बीमार बच्चों का मुफ्त इलाज कर उन्हें नया जीवन दे रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 अशोक कुमार यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत आरबीएसके टीम सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर बच्चों की स्क्रिनिंग करती है।
फिर विषेषज्ञ चिकित्सक से रैफर करवा कर मेडीकल कालेज, निजी अस्पताल में ह्रदय रोग, गला रोग, और कटा तालू, कुल्हा का ऑपरेशन, मिर्गी रोग, अतिकुपोषण इत्यादि जैसे गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों का निशुल्क उपचार करवाए जाते है।
डॉ0 यादव ने बताया कि टोंक की रहने वाली 1 माह की मासूम बच्ची अरजिन पुत्री आसिफ मोहम्मद जन्म से ही कान्जेनाइटल हार्ट डिजीज (हदय में छेद) से पीड़ित थी। उसे सांस लेने में तकलीफ और कमजोर थी। उसके पिता ने मातृ एवं शिशु केन्द्र टोंक, जहां बच्ची का जन्म हुआ था, वहां के चिकित्सक से परामर्श किया, तो चिकित्सक द्वारा हार्ट सर्जरी के लिए कहा गया व अरजीन के पिता को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे मे बताया गया।
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जब अरजीन के पिता ने निजी अस्पताल में परामर्श किया तो अरजीन के इलाज का खर्च तीन से चार लाख रुपये बताया गया, जिस राशि का वहन करने मे वो असमर्थ थें। तब अरजीन के पिता पुनः मातृ एवं शिशु केन्द्र टोंक के चिकित्सक से सम्पर्क किया। वहां से आरबीएसके कार्यक्रम के अन्तर्गत, राज्य स्तर के दिशा निर्देशानुसार जयपुर मे निजी अस्पताल में 29 जून 2021 को निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया गया।
अब अरजीन सामान्य बच्चों की तरह स्वस्थ है एवं स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकेगी। अरजीन के पिता ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते है।